मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने गुरुवार को कहा कि हमारा मकसद सकारात्मक राजनीति करने का है और उनकी सरकार ने अच्छा प्रशासन देने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोगों को स्वास्थ्य का अधिकार देने के लिए जल्द ही ‘स्वास्थ्य का अधिकार’ विधेयक लाएगी। बूंदी के नैनवां में ब्लाॅक स्तरीय राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेल कार्यक्रम में गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की भारत जोड़ो यात्रा उसका यही मकसद है। वे चाहते हैं देश में शांति सद्भाव कायम रहे और किसी तरह से महंगाई व बेरोजगारी कम हो।
हमने (CM Ashok Gehlot) कर्मचारियों को मानवीय दृष्टिकोण से पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू की है। किसानों के लिए हम अलग बजट लेकर आए। बिजली, पानी व शिक्षा में हमने कोई कमी नहीं रखी। गहलोत ने कहा कि राजस्थान सरकार जल्दी ही ‘स्वास्थ्य का अधिकार’ विधेयक लाएगी।
खिलाड़ी तैयार करने में राज्य सरकार निभाएगी भूमिका
मुख्यमंत्री (CM Ashok Gehlot) ने कहा कि राज्य में आयोजित हो रहे राजीव गांधी ग्रामीण ओलपिंक अपने आप में एक अनूठी पहल है। इससे प्रदेश की ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को आगे आने का मंच मिला है। हमारा प्रयास है कि ओलंपिक, एशियाड और कॉमनवेल्थ खेलों जैसी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश के खिलाड़ी बड़ी संख्या में मेडल लेकर आएं । प्रदेश के खिलाड़ियों की प्रतिभा को तराशने तथा उनको राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए तैयार करने में राज्य सरकार की यह पहल बड़ी भूमिका निभाएगी।
गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने शुक्रवार को चित्तौड़गढ़ के निंबाहेड़ा, बूंदी के नैनवा और भीलवाड़ा के मांडलगढ़ में राजीव गांधी ग्रामीण खेल प्रतियोगिताओं का जायजा लिया। मुख्यमंत्री के साथ मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी रहे।
विकास केलिए सामाजिक समरसता का होना आवश्यक
सीएम (CM Ashok Gehlot) ने कहा कि किसी भी देश के विकास के लिए सामाजिक समरसता का होना आवश्यक है। अशांति व उपद्रव के बीच प्रगति संभव नहीं है। पीए को सामाजिक समरसता व आपसी भाईचारे के लिए देश के नाम अपील करनी चाहिए। गहलोत ने कहा कि देश के विभिन्न भागों में आज लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकारें अस्थिरता का सामना कर रही है।
देरी से बढ़ेगा आर्थिक बोझ
मुख्यमंत्री (CM Ashok Gehlot) ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा जल्द से जल्द दिया जाना चाहिए। राज्य के पास सीमित जल संसाधन है। चंबल एक मात्र सालभर बहने वाली नदी हैं। राज्य के 13 जिलों में सिचाईं व पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ईआरसीपी अत्यन्त महत्वपूर्ण है।पीएम इसको नेशनल प्रोजेक्ट का दर्जा देने की बात कह चुके हैं, लेकिन राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की जा रही देरी से पचपदरा रिफाइनरी की तरह इसकी लागत कई गुना बढ़ने की संभावना है।