Bharatpur Sadhu Death : भरतपुर अवैध खनन मामले के विरोध में आत्महत्या करने वाले बाबा विजय दास की अस्थिकलश यात्रा पर भी बवाल हो रहा है। इस कलश यात्रा का कुछ गांव वाले विरोध कर रहे हैं। जिसके बाद साधु-संतों ने अस्थि कलश यात्रा का कार्यक्रम उन गांव से होकर जाने को निरस्त ही कर दिया।
दरअसल यह अस्थिकलश यात्रा आज यूपी के बरसाना से शुरू हुई है। इस यात्रा को उसी माताजी गौशाला से रवाना किया गया जहां पर बाबा विजयदास का अंतिम संस्कार किया गया था। यह यात्रा दोपहर या शाम तक भरतपुर के कामां में पहुंचेगी। साधुओं ने इस अस्थिकलश यात्रा को कोसी चौराहे से मुख्य बाजारों से होती हुई कुंड तक पहुंचेगी। लेकिन बीच यात्रा में ही कुछ गांव के लोगों ने अपने गांव से इस यात्रा को निकलाने से मना कर दिया।
गांववालों ने किया विरोध, साधुओं ने बदला रूट
साधुओं के समझाने पर विरोेध करना शुरू कर दिय़ा। जिसके बाद साधुओं ने यात्रा को उन गांवों से निकालने का कार्यक्रम ही रद्द कर दिया। अब उन्होंने सीधे कामां से सीधे पसोपा गांव जाने का फैसला किया है। वही पसोपा गांव जहां अवैध खनन के खिलाफ आंदोलन करते हुए बाबा विजयदास ने खुद को आग के हवाले कर दिया था।
विजयदास की स्मृति में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन
वहीं पसोपा गांव में बाबा विजय दास की स्मृति में आज से श्रीमद्भागवत कथा का आय़ोजन कराया जा रहा है। संत भक्त चरणदास महाराज इस कथा का वाचन करेंगे। इस कार्यक्रम के लिए एक विशाल पांडाल को बनाया गया है। जिसमें लगभग ढाई हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था है। बरसात को देख हुए इसे वाटर प्रूफ बनाया गया है। इसके अलावा बाबा विजयदास की स्मृति में पशुपतिनाथ मंदिर प्रांगण में पौधारोपण किया गया। इसमें भरतपुर के कलेक्टर आलोक रंजन भी शामिल हुए। उन्होंने अपने हाथों से पौधरोपण किया। वहीं आज PWD मंत्री भजन लाल जाटव और कलेक्टर आलोक रंजन बरसाना जाएंगे औऱ बाबा विजयदास की पोती को 5 लाख रुपए का चेक प्रदान करेंगे। बता दें कि सीएम गहलोत ने बाबा के परिवार को 5 लाख रुपए की सहायता करने की घोषणा की थी।
आज जारी हो सकती है प्रेस रिलीज
वहीं दूसरी तरफ सीएम अशोक गहलोत के निर्देश पर प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा मामले की जांच करने भरतपुर आए थे। लेकिन उन्होंने अपना यह कार्यक्रम इतनी गोपनीय रखा कि मीडिया तक को भनक नहीं लगी। कुंजीलाल मीणा ने भरतपुर में जिला प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की। जिसके बाद वे वापस जयपुर रवाना हो गए। इस मामले में आज प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा प्रेस रिलीज जारी कर सकते हैं।
गौरतलब है कि भरतपुर के कामां में कनकांचल औऱ आदिबद्री पहाड़ी पर हो रहे अवैध खनन को लेकर 551 दिन तक साधुओं ने आंदोलन किया था। लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर उनके सब्र का बांध टूट गया। इस पर साधी विजयदास ने खुद को आग लगा ली। बाबा विजयदास अपनी पोती के साथ साल 2002 में बरसाना आ गए थे और मान मंदिर में संत बन गए थे।