Rajasthan : विधानसभा में गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी एक बार फिर से एक्शन में दिखाई दिए। प्रश्नकाल के दौरान उन्होंने व्यवधान पैदा करने को लेकर भाजपा विधायक मदन दिलावर को कड़ी फटकार लगाई। वहीं वन मंत्री हेमाराम के जवाब को लेकर दखल देते हुए निर्देशित भी किया। प्रश्नकाल के दौरान निर्दलीय विधायक बाबूलाल नागर की तरफ से वन भूमि पर अतिक्रमण को लेकर पूछे गए सवाल को लेकर जब मंत्री जवाब दे रहे थे तो उसी समय भाजपा विधायक दिलावर संसदीय मंत्री शांति धारीवाल को लेकर टिप्पणी कर रहे थे। यह देख विधानसभा अध्यक्ष ने दिलावर को फटकार लगाते हुए कहा कि आप धारीवाल को देख कर इस तरह से व्यवहार करते हैं, जैसे कोई सांड लाल कपड़े को देखकर। बार-बार खड़े होकर किस तरह का उदाहरण पेश करना चाहते हैं।
केन्द्र सरकार को भेजे वन क्षेत्र के लिए प्रस्ताव
स्पीकर जोशी ने वन मंत्री चौधरी के जवाब पर भी हस्तक्षेप करते हुए कहा कि राज्य में ऐसे अनेक क्षेत्र हैं, जहां वन मौजूद नहीं होने पर भी वह वन भूमि के नाम पर दर्ज हैं और वहां लोग लम्बे समय से बसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि वन विभाग तथा राजस्व विभाग द्वारा आपसी समन्वय से इस वन भूमि को राजस्व भूमि घोषित करने तथा बदले में उतनी राजस्व भूमि को वन भूमि घोषित करने का प्रस्ताव तैयार कर केन्द्र सरकार को भेजा जा सकता है।
अतिक्रमण पर वसूला जाता है जुर्माना, पुनर्वास का प्रावधान नहीं
चौधरी ने प्रश्नकाल के दौरान इस संबंध में सदस्य द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि वर्ष 2019-20 में वन भूमि पर अतिक्रमण के 3 हजार 13 प्रकरणों का निस्तारण किया गया तथा 57.20 लाख का जुर्माना वसूला गया। वर्ष 2020-21 में 341 प्रकरणों का निस्तारण किया गया तथा 40 लाख रुपए जुर्माने के रूप में वसूले गए। इसी प्रकार वर्ष 2021-22 में 741 प्रकरणों का निस्तारण कर 50 लाख रुपए का जुर्माना वसूल किया गया। उन्होंने बताया कि राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम 1956 तथा वन्य जीव संरक्षण अधिनियम1972 के तहत अतिक्रमियों के खिलाफ कारावास और जुर्माने का प्रावधान है। वन भूमि पर अतिक्रमण करने वालों के लिए पुनर्वास का कोई प्रावधान नहीं है।
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