राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने अब कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया जी के साथ में मैंने बैठकर के पूरी बातचीत की क्योंकि जिस प्रकार से पिछले 50 साल में, 50 साल में मुझे हमेशा कांग्रेस पार्टी ने इंदिरा जी के वक्त से ही, राजीव जी थे, चाहे वो बाद में सोनिया जी आ गईं, बीच में नरसिम्हा राव जी प्रधानमंत्री बने, एक वफादार सिपाही के रूप में मैंने काम किया और मुझे हमेशा मुझ पर विश्वास करके मुझे जिम्मेदारी दी गई।
‘प्रस्ताव पास न करा पाने का दुख हमेशा रहेगा’
सोनिया के आशीर्वाद से तीसरी बार मुख्यमंत्री बना हूं, राहुल भी, जब फैसला किया राहुल ने, वो तमाम जो समय है वो मैं भूल नहीं सकता, उसके बावजूद भी जो घटना हुई 2 दिन पहले, वो घटना इतना हिलाकर रख दिया हम सबको, मुझे तो दुःख है वो मैं ही जान सकता हूं। क्योंकि पूरे देश में मैसेज चला गया जैसे मैं मुख्यमंत्री बने रहना चाहता हूं। इसलिए सबकुछ हो रहा है, मैंने सोनिया गांधी से भी माफी मांगी है। क्योंकि एक सिंपल प्रस्ताव एक लाइन का होता है, वो परंपरा हमारी है कि एक लाइन का प्रस्ताव तो हम करते ही करते हैं, हर मीटिंग के अंदर करते हैं, चाहे चुनाव हो, चाहे मुख्यमंत्री के बारे में कोई फैसला करना हो। लेकिन दुर्भाग्य से उस वक्त ऐसी स्थिति बन गई, वो प्रस्ताव पास नहीं हो पाया। क्योंकि मैं सीएलपी लीडर हूं, मुख्यमंत्री हूं और मैं उस प्रस्ताव को ही पास नहीं करवा पाया। इस बात का दुःख मुझे हमेशा जिंदगीभर रहेगा। यह मैंने सोनिया गांधी से भी फील किया है कि मैं उस काम में कामयाब नहीं हुआ।
‘इन हालातों में नहीं लड़ सकता चुनाव’
अशोक गहलोत ने कहा कि बीते रविवार पर्यवेक्षकों के सामने जो घटना हुई उसने पूरे देश को गलत मैसेजे दे दिया कि मैं मुख्यमंत्री पद छोड़ना ही नहीं चाहता हूं। आज जब देश में संकट है, मीडिया पर भी संकट है, साहित्यकार, पत्रकार, लेखक जेल में जा रहे हैं, 2-2 साल तक बंद पड़े रहते हैं, इस माहौल में ये देश चल रहा है। इसलिए मैंने कल रात को भी कहा था कि हमारी पार्टी में तो एक तरफ राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे हैं। देश में बेरोजगारी, महंगाई से जो देश के हालात हैं। उसमें भी शांति, सद्भाव, प्रेम-भाईचारा बना रहे, ये संदेश राहुल गांधी अपनी यात्रा तके जरिए लोगों को दे रहे हैं।
‘मेरे विधायकों ने जो किया उसके लिए माफी मांगी’
दूसरी तरफ मैं राहुल गांधी से कोच्चि में मिला उनसे रिक्वेस्ट की कि आप अध्यक्ष का चुनाव लड़ें, लेकिन उन्होंने अस्वीकार कर दिया कि मैं मेरी बात पर कायम हूं, मैं इलेक्शन नहीं लड़ूंगा। तब मैंने कार्यकर्ताओं की, नेताओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए चुनाव लड़ने की हामी भरी थी। लेकिन अब रविवार को जो घटना हुई। मेरे विधायकों ने जो किया वो मेरी नैतिक जिम्मेदारी थी कि वो प्रस्ताव पास होता। तो मैंने तय किया है कि अब मैं इस माहौल के अंदर चुनाव नहीं लड़ूंगा। ये मेरा फैसला है। वहीं मुख्यमंत्री पद पर फैसला मैं नहीं करूंगा, ये फैसला सोनिया गांधी करेंगी।
महेश जोशी ने कहा माफी मांगकर मुख्यमंत्री ने पेश की मिसाल
अशोक गहलोत के अध्यक्ष पद का चुनाव न लड़ने औऱ सोनिया गांधी से माफी मांगने पर राजस्थान के जलदाय मंत्री और अशोक गहलोत के करीबी महेश जोशी ने गहलोत की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से माफी मांगकर मुख्यंमत्री अशोक गहलोत ने नैतिकता, आस्था और निष्ठा के उच्चतम आयामों को छुआ है। वे देश के पहले ऐसे पहले मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने पहली बार ऐसी विनम्रता पेश की है। यह प्रदेश के सभी कांग्रेस नेताओं का मान बढ़ाने वाला सराहनीय कदम है।