लड़कियों के खरीद-फरोख्त मामले में ये क्या कह गए मंत्री अशोक चांदना…

बीते दिनों भीलवाड़ा से लड़कियों की स्टांप पेपर पर खरीद-फरोख्त का मामला सामने आया था। जिसके बाद यह मुद्दा प्रदेश की राजनीति में छाया हुआ…

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बीते दिनों भीलवाड़ा से लड़कियों की स्टांप पेपर पर खरीद-फरोख्त का मामला सामने आया था। जिसके बाद यह मुद्दा प्रदेश की राजनीति में छाया हुआ है। राज्य महिला आयोग के साथ ही राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी इस मामले का संज्ञान लिया है और इस पर जांच करा रही है। तो दूसरी तरफ अब खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना ने लड़कियों की खरीद-फरोख्त के सवाल पर एक विवादित बयान दे डाला है। जिसमें उन्होंने इस मामले को झूठा करार दिया है। 

10 हजार में जूता नहीं मिलता, लड़कियां कहां मिलेंगी

 दरअसल अशोक चांदना ने स्टांप पेपर पर लड़कियों के खरीद-फरोख्त के सवाल पर कहा कि आप किस दुनिया में है यहां तो 10 हजार रुपए में एक जोड़ी जूते भी नहीं आते तो फिर यहां लड़कियां कहां से मिलेंगी। इस तरह का कोई मामला सामने नहीं आया है। यह मामले झूठे हैं। लेकिन अगर कोई ऐसा केस जिसमें थोड़ी बहुत भी सच्चाई है, तो उस पर कार्रवाई जरूर होगी।

बता दें कि राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने इस मुद्दे पर कहा था कि राजस्थान में इस तरह का घिनौना मामला सामने आया है यहां तो एक बहुत बड़ा रैकेट चल रहा है जहां बच्चियों को देह व्यापार में धकेला जा रहा है इसकी जांच के लिए केंद्र की तरफ से कमेटी बनाई जाएगी जिससे इस मामले का पर्दाफाश हो सकेगा।

कर्ज चुकाने के लिए बेचते थे अपनी ही बेटियां

जानकारी के मुताबिक राजस्थान के भीलवाड़ा में स्टांप पेपर पर लड़कियों के बेचने का मामला सामने आया था। यहां पर लड़कियों के परिजनों ने अपना कर्ज चुकाने के लिए लड़कियों को कहीं लाख तो कहीं हजार में बेच देते थे। छोटी-छोटी बच्चियों को भी पंचों के सामने नीलाम किया जा रहा था। यही नहीं जब लड़कियों की खरीद-फरोख्त होती थी तो इसका बकायदा स्टांप पेपर बनवाया जाता था जब लड़कियों के परिजन कर्ज चुकाने की स्थिति में नहीं होते तो वे अपनी बच्चियों को बेच देते थे। जिससे उनका कर्जा चुकता हो जाता था। जानकारी के मुताबिक यहां कंजर समाज और पंच पटेल की बेटियों को देह व्यापार के लिए मजबूर किया जाता है। खासकर भीलवाड़ा के कई गांवों में ऐसे मामले सामने आए। 

लड़कियों के इस खरीद-फरोख्त के मुद्दे पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग यानी एनएचआरसी ने भी बीते 27 अक्टूबर को राजस्थान सरकार को नोटिस थमाया है आयोग ने इस नोटिस का जवाब देने को भी कहा है। इसके साथ ही राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने भीलवाड़ा डीएम और एसपी को भी नोटिस जारी किया था। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बेचे जा रही लड़कियों को एमपी में दिल्ली-मुंबई यहां तक कि विदेशों में भी भेजा जा रहा है। जहां उन्हें देह व्यापार में धकेला जा रहा है।

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