अमरनाथ में बादल फटने से आए सैलाब में मारे गए लोगों में राजस्थान के दो यात्रियों के नाम भी हैं। म़ृतकों में श्रीगंगानगर के रिटायर्ड यातायात थाना प्रभारी सुशील खत्री और उनकी समधन सुनीता वधवा शामिल हैं। श्रीगंगानगर से 4 जुलाई को जय भोले महादेव ग्रुप में करीब डेढ़ दर्जन लोगों का जत्था अमरनाथ यात्रा के लिए रवाना हुआ था। वहीं इनमें से अभी कई लोग लापता हैं।
दूसरों को बचाते हुए सैलाब में बहे
जिला प्रशासन ने सुशील खत्री और सुनीता वधवा की मौत की पुष्टि कर दी, लेकिन उनके जत्थे के बाकी लोग अभी भी लापता हैं। रिटायर्ड CI सुशील खत्री अपने समधी मोहनलाल वधवा, समधन सुनीता वधवा और अन्य परिवारी जनों के साथ अमरनाथ गए हुए थे। भोले महादेव ग्रुप के जत्थे में शामिल श्रीगंगानगर के एक यात्री ने बताया कि जब बादल फटने से जल सैलाब आया, तब सारे टेंट बह गए। 10 मिनट में सब कुछ तहस-नहस हो गया। उन्होंने बताया कि वहां खत्री के समधी-समधन और कई परिवारी जन मौजूद थे, अपनी जान की परवाह न करते हुए खत्री ने कई लोगों की जान बचाई, लेकिन इसी दौरान वे भी सैलाब में बह गए।
बीकानेर के रहने वाल थे सुशील खत्री, श्रीगंगानगर की पोस्ट से 30 जून को हुए थे रिटायर
दिवगंत सुशील खत्री मूलरूप से बीकानेर से थे, उनकी पोस्टिंग श्रीगंगानगर में हुई थी, सिर्फ 9 दिन पहले ही 30 जून को रिटायर हुए थे। जिसके बाद उन्होंने अपने परिवार के साथ अमरनाथ यात्रा पर जाने की योजना बनाई थी। लेकिन अमरनाथ में हादसा होने से उन्होंने अपना फर्ज निभाते-निभाते अपनी जान गंवा दी।
बता दें कि बीती शाम लगभग 5 बजे अमरनाथ गुफा (Amarnath cave) के पास बादल फटा था। इससे पहले जब तेज बारिश शुरू हो गई थी, उसके बाद ITBP ने श्रद्धालुओं से अपील की थी कि वो अपने टेंट छोड़कर दूसरी जगहों पर चले जाएं। लेकिन जैसे ही बादल फटा वहां मौजूद श्रद्धालुओं में हाहाकार मच गया। बादल फटने के जो वीडियो सामने आए हैं, वो बहुत ही डरावने हैं। अमरनाथ गुफा के पास ही बहुत तेज पानी की धारा फूट गई। पानी के सैलाब में दो दर्जन से अधिक टेंट और तीन लंगर बह गए।