जयपुर। मनीष सिसोदिया मामले में दिल्ली से लेकर राजस्थान तक की सियासत गर्माई हुई है। राजस्थान आप के राष्ट्रीय महासचिव संदीप पाठक और प्रदेश प्रभारी विनय मिश्रा के नेतृत्व में आप कार्यकर्ताओं ने भाजपा कार्यालय की तरफ कूच करते हुए पैदल मार्च निकाला। लेकिन पुलिस ने स्टेच्यू सर्किल पर ही आप नेताओं को रोक लिया। इस पर आप नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की।
स्टेच्य़ू सर्किल पर पुलिस ने रोका
संदीप पाठक, विनय मिश्रा ने नारायण सिंह सर्किल से यह मार्च शुरू किया। उन्होंने मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी का जमकर विरोध किया। उन्होंने केंद्र और पीएम मोदी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। लेकिन स्टेच्यू सर्किल पर ही उन्हें रोककर पुलिस ने काफी समझाया जिसके बाद उन्होंने भाजपा कार्यालय पहुंचने से पहले ही मार्च खत्म कर दिया।
भाजपा ने तानाशाही की पराकाष्ठा की पार
आप के राष्ट्रीय महासचिव संदीप पाठक ने कहा कि भाजपा दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल से डरी हुई है। केजरीवाल को रोकने के लिए पहले उन्होंने सत्येंद्र जैन को निशाना बनाया और अब मनीष सिसोदिया पर कार्रवाई करवा रही है। बीजेपी ने तानाशाही की पराकाष्ठा पार कर दी है। सरकारी स्कूल के बच्चों का भविष्य बनाने वाले शिक्षा मंत्री पर उन्होंने कार्रवाई की लेकिन अडानी ने देश का करोड़ों रुपया डुबाया उस पर CBI या केंद्र ने कोई एक्शन नहीं लिया। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद भी अडानी को नोटिस नहीं मिला।
प्रदर्शन भाजपा के खिलाफ…कांग्रेस की पुलिस रोकती है
आप प्रदेश प्रभारी विनय मिश्रा ने बीजेपी को चैलेंज देते हुए कहा कि आप आम आदमी पार्टी को कमज़ोर ना समझें, आप जेल की संख्या बढ़ा लो, आप का हर कार्यकर्ता जेल जाने को तैयार है, उन्होंने ऱाजस्थान में कांग्रेस और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि यहां बीजेपी और कांग्रेस की सांठगांठ है। हम प्रदर्शन बीजेपी के खिलाफ करते है, कांग्रेस की पुलिस हमें रोकती है।
मनीष सिसोदिया को 4 मार्च तक की रिमांड पर भेजा
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को राउज एवेन्यू कोर्ट ने 4 मार्च तक की रिमांड पर भेज दिया है। CBI ने कोर्ट के सामने 5 दिन की रिमांड की मांग रखी थी। CBI ने कहा कि इस शराब घोटाले की साजिश बहुत ही सुनियोजित और गुप्त तरीके से रची गई थी।
सिसोदिया समेत 15 लोगों के खिलाफ FIR हुई थी दर्ज
इस मामले में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया समेत 15 लोगों के खिलाफ CBI ने FIR दर्ज की थी। इनमें आबकारी अधिकारी, शराब डीलर्स, शराब कंपनियों के अधिकारियों, अज्ञात लोकसेवकों और निजी व्यक्तियों पर भी मामले में मामला दर्ज किया गया था। ये मामले धारा 120-B, 477-A और सेक्शन 7 के तहत मामले दर्ज किए गए। बता दें कि इन आरोपियों में आबकारी आयुक्त अरवा गोपी भी शामिल हैं।