उदयपुर। ओड़ा रेलवे ब्रिज विस्फोट मामले के मुख्य आरोपियों की आज जिला और सेशन कोर्ट ने 5 दिनों की रिमांड और बढ़ा दी है। मुख्य आरोपियों को लेकर ATS आज फिर कोर्ट में पेश हुई थी। क्योंकि आज दोनों की रिमांड की अवधि खत्म हो गई थी। कोर्ट में एटीएस ने दोनों आरोपियों की रिमांड बढ़ाने की मांग की थी। जिसके बाद दोनों को 28 नवंबर को फिर से कोर्ट में पेश किया जाएगा।
जमीन अधिग्रहण को लेकर थी नाराजगी
इससे पहले 19 नवंबर को ही दोनों को कोर्ट में पेश किया गया था यहां इन्हें 4 दिनों की पुलिस रिमांड पर भेजा गया था। ओड़ा रेल ब्रिज विस्फोट मामले में एसओजी ने मुख्य आरोपी धूलचंद मीणा (32), प्रकाश मीणा (18) और एक 17 वर्षीय किशोर को हिरासत में लिया था। साथ ही विस्फोटक बेचने वाले एक व्यक्ति को भी पकड़ा था। गिरफ्तारी के बाद एडीजी (एटीएस एवं एसओजी) अशोक राठौड़ ने खुलासा किया था धूलचंद मीणा की उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे लाइन के पास ही जमीन थी। ट्रैक बनाने के लिए जमीन का अधिग्रहण हुआ था। इस दौरान उसे मुआवजा भी कम मिला था। तभी से वह नाराज चल रहा था। इसका बदला लेने के लिए उसने ट्रैक उड़ाने की साजिश रची थी। उन्होंने बताया था कि रेलवे और हिंदुस्तान जिंक ने धूलचंद मीणा की जमीन का 1974-75 और 1980 में अधिग्रहण किया था। इसके लिए उसको मुआवजा या नौकरी नहीं मिली। वह कई साल से प्रयासरत था, लेकिन कहीं से भी कोई मदद नहीं मिलने को कारण उसने (धूलचंद ने) गुस्से में इस घटना को अंजाम दिया।
ये था मामला
बता दें कि उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे ट्रेक पर पुल को उड़ाने के मामले में पुलिस ने UAPA के तहत मामला दर्ज कर लिया था। पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ पुलिस ने UAPA की धारा 16 और 18 के तहत केस दर्ज किया है। बता दें कि यह मामला उदयपुर-सलम्बूर मार्ग पर केवड़े की नाड में स्थित रेलवे पुल पर हुआ था। अब तक हुई जांच में सामने आय़ा है कि इस ट्रैक को ब्लास्ट कराने के लिए अज्ञातों ने सुपर पॉवर 90 कैटेगरी का विस्फोटक का इस्तेमाल किया था।