घूमने का शौक किसे नहीं होता है। गर्मियां आ चुकी हैं, साथ ही घूमने का सीजन भी, उम्र और पीढ़ियों के साथ-साथ घूमने का शौक और जगह भी बदलती रहती है। हां, कुछ जगह ऐसी हैं जो पीढ़ी दर पीढ़ी लोगो की मन पसंदीदा जगह बनी रहती है जैसे कि दुनिया के सात अजूबे। लेकिन पिछले कुछ समय से एक ऐसी जगह है जो युवाओं के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। वो है डार्क टूरिज्म इसे ब्लैक टूरिज्म भी कहते हैं। आइए जानते हैं कि, आखिर डार्क टूरिज्म क्या होता है और क्यों है ये लोगों के अट्रेक्शन का कारण।
क्या होता है डार्क टूरिज्म
डार्क टूरिज्म ऐसी जगहों पर घूमने का शौक होता है जहां से किसी मृत्यु, बुरे हादसे या कोई भयानक इतिहास जुड़ा हो आसान भाषा में कहे तो ऐसी जगह जो तनाव, दुख, दर्द और नरसंहार की कहानी कहती हैं इसे डार्क टूरिज्म कहा जाता है। उदाहरण के लिए जापान का हिरोशिमा और नागासाकी, इस जगह पर पहली बार न्यूक्लियर बम गिराए गए थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हर साल ऐसी जगहों पर तकरीबन 20 लाख लोग घूमने जाते हैं।
ये हैं कुछ डार्क टूरिज्म वाली जगह
जलियावाला बाग
भारत में जलियावाला बाग का इतिहास काफी माइने रखता है। अंग्रोजों के शासन के समय यहां पर कई बेगुनाह लोगों को बिना वजह गोलियों से भून दिया गया था।
झांसी का किला
झांसी का इतिहास तो बच्चा-बच्चा जानता है। झांसी की रानी ने 1857 की क्रांति की लड़ाई यही से लड़ी थी। साथ ही इस महल में तोपों के गोलों के निशान भी देखे जा सकते हैं।
वर्ल्ड ट्रेड सेंटर
9/11 का हादसा कौन भूल सकता है। न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में हुए इस हादसे को पूरी दुनिया याद रखेगी। पर्यटक यहां आकर हमले में मारे गए लोगों की याद में फूल चढ़ाते हैं।
अन्य देश जो अब डार्क टूरिज्म का अट्रैक्शन हैं
डार्क टूरिज्म में फिलहाल लोगों का ध्यान सीरिया, वियतनाम, वेनेजुएला, अफगानिस्तान जैसे देश खीच रहे हैं। क्योंकि इन देशों में पिछले कुछ समय के अंदर कुछ ना कुछ ऐतिहासिक घटनाएं हुई हैं।