Chhole-Bhature : छोले-भटूरे का नाम सुनते ही हर किसी के मुंह में पानी आना तो लाजिमी है। शायद ही ऐसा कोई शख्स हो, जिसे यह डिश पसंद ना हो। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी थाली का स्वाद बढ़ाने वाले छोले-भटूरे की पैदाईश कहां हुई, कहां इसे सबसे पहले बनाया गया, जहां से यह निकलकर हर घर में रच-बस गया। तो हम आपको बताते हैं कि अनोखे स्वाद वाले छोले-भटूरे की अनोखी कहानी..
दिल्ली से आए छोले-भटूरे
छोले-भटूरे का जिक्र सबसे पहले 1940 के दशक में दिल्ली, पंजाब, यूपी और हरियाणा जैसे उत्तर भारत के राज्यों में मिलता है। इसकी उत्पत्ति की कहानी दिल्ली से जुड़ी हुई है। इस उस समय नाश्ते के रूप में बनाया जाता था। लेकिन इसे सबसे पहले किस तरह बनाया गया इसका कोई लिखित साक्ष्य नहीं मिला है। लेकिन इसे खाने वाले लोगों की जीभ पर इसका स्वाद इस कदर चढ़ा कि ये दिल्ली से निकलकर पड़ोसी में इसे बनाया जाने लगा। धीरे-धीरे पहले पंजाब, हरियाणा और यूपी में इसने लोगों को अपना दीवाना बना लिया।
इसे बनाने के तरीकों में कई तरह के प्रयोग कर इसे एक बेहद लजीज व्यंजन बना दिया। आज आलम यह है कि पूरे भारत के हर एक घर में छोले-भटूरे के चाहने वाले हैं। इसने एक तरह से राष्ट्रीय भोजन का दर्जा प्राप्त कर लिया है। यहां तक कि उत्तर भारत से निकली यह डिश दक्षिण भारतीय थाली में जगह पाने में कामयाब हो गई। अब तो विदेशों में भी इस देसी पकवान का डंका बज रहा है।
मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय छोले-भटूरे दिवस
छोले-भटूरे की प्रसिद्धी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हर साल 2 अक्टूबर को छोले-भटूरे दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरुआत साल 2012 से हुई थी। इस अनोखे कॉन्सेप्ट की शुरुआत दिल्ली के ही एक फूड ब्लॉगर ने की थी। उसने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अलग-अलग जगह के छोले-भटूरों की तस्वीरें शेयर करनी शुरु की थीं। धीरे-धीरे छोले-भटूरे की तस्वीरें शेयर करने का चलन पूरी दुनिया में हो गया। और इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय छोले-भटूरे दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
देसी फूड का विदेशों में डंका
अब अगर थोड़ा स्वाद छोड़कर आंकड़ों की बात करें तो आपको जानकर ये हैरानी तो नहीं होगी कि दुनिया में लगभग 1 अरब लोगों का पसंदीदा भोजन छोले-भटूरे है। छोले-भटूरे को सबसे ज्यादा खाया जाने वाले नाश्ते के रूप में जाना गया है। यह देश का सबसे ज्यादा फेमस स्ट्रीट फूड है। आपको यह भी बता दें कि हमारे देसी छोले-भटूरे विदेशी लोगों को भी खूब भाते हैं। यह दिल्ली से निकलकर अमेरिका और लंदन की गलियों के फूड का भी हिस्सा बन गया। यह भोजन कई बड़े अंतर्राष्ट्रीय रेस्टोरेंट का हिस्सा है।
आज अगर हम अपने आस-पास भी नजर दौड़ाएंगे तो कम से कम 10 रेहड़ी भी हमें छोले-भटूरों की दिख जाएंगी। साथ ही दिखेंगे उन पर लाइन लगाए वे लोग जो इसे खाने की रहा तके हुए होते हैं। इस पकवान की खुशबू से ही लोग खिंचे चले आते हैं। तो फिर कैसे कोई इसे खाए बिना रह सकता है। सोशल मीडिया पर कई फूड ब्लॉगर्स भी अधिकतर इन्हीं छोले-भटूरों की खोज में रहते हैं। वास्तव में इस लजीज व्यंजन का स्वाद चखते हुए एक बात जरूर दिमाग में आती है कि इसे पहली बार जिसने भी बनाया होगा। उसे अवॉर्ड तो जरूर मिला होगा।