स्वतंत्र देव सिंह ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया। उनका 3 साल का कार्यकाल पूरा हो गया था। उन्होंने अपना इस्तीफा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंप दिया। इसके बाद अब भाजपा यूपी जैसे सियासी रूप से महत्वपूर्ण प्रदेश के लिए नए अध्यक्ष की तलाश में है। यह चेहरा इसलिए भी अहम हो जाता है क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनाव की अगुवाई वही अध्यक्ष करेगा।
यूपी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के पिछले 20 साल का इतिहास देखें तो इनमें से अधिकतर ब्राह्मण चेहरे को तरजीह दी गई है। इसलिए यूपी की राजनीति के बड़े ब्राह्मण नामों की चर्चा शुरू हो गई है। इनमें प्रदेश के पूर्व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, कन्नौज के सांसद और प्रदेश महामंत्री सुब्रत पाठक, पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, नोएडा सांसद डॉक्टर महेश शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक का नाम शामिल है।
इससे पहले 2004 के चुनाव में केसरीनाथ त्रिपाठी, 2009 में रमापति त्रिपाठी, 2014 में लक्ष्मीकांत वाजपेई, 2019 में महेन्द्र नाथ पांडेय प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभाल चुके हैं। वहीं 2019 के बाद स्वतंत्र देव सिंह प्रदेश अध्यक्ष बने थे। उन्हीं की अगुवाई में 2022 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी।