Madan Mohan Temple: धार्मिक नगरी करौली में सोमवती अमावस्या के दिन मेले जैसा दृश्य देखने को मिलता है. इस दिन श्री राधा मदन मोहन जी मंदिर में भक्तों की अपार भीड़ उमड़ती है, जो मंगला आरती से लेकर शाम शयन आरती तक जारी रहती है. दूर-दूर से आए हुए हजारों भक्त, मंदिर में भगवान मदन मोहन जी के दर्शन करने के लिए कतारबद्ध रहते हैं. धार्मिक नगरी में करौली में सोमवती अमावस्या के दिन जन जन के आराध्य देव मदन मोहन जी के दर्शनों को अत्यंत पवित्र माना जाता है, और भक्त इस मौके को अपने जीवन में शुभ मानते हैं.
सोमवती अमावस्या के इस विशेष अवसर पर मदन मोहन जी मंदिर में भक्तों की इतनी भारी भीड़ होती है कि पूरा वातावरण एक विशाल मेले का रूप ले लेता है. इस दिन भक्तों की सुविधा के लिए मंदिर में दर्शन की समय सीमा भी बढ़ा दी जाती है, ताकि अधिक से अधिक लोग भगवान के दर्शन कर सकें.इस दिन भक्तों का उत्साह देखते ही बनता है, कई भक्त तो पैदल यात्रा कर और कुछ कनक दंडवत यात्रा करते हुए मंदिर पहुंचते हैं.
हजारों की संख्या में भक्तों का आगमन:
सोमवती अमावस्या के मौके पर श्री राधा मदन मोहन जी मंदिर में सुबह से लेकर शाम तक हजारों की संख्या में भक्त दर्शन करते हैं. इस दिन ग्रामीण अंचल से आए भक्तों की भीड़ सबसे अधिक होती है. मंदिर प्रबंधन द्वारा इस दिन विशेष इंतजाम किए जाते हैं ताकि भक्तों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो.इस दिन भक्त भगवान मदन मोहन जी को प्रसन्न करने के लिए बड़ी मात्रा में अनाज चढ़ाते हैं, जिससे ऐसा प्रतीत होता है मानों मंदिर में अनाज की वर्षा हो रही हो.
हजारों की संख्या में भक्त इस दिन राधा मदन मोहन जी के दर्शन कर अपने परिवार की सुख-समृद्धि और मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करते हैं. यही वजह है कि सोमवती अमावस्या के दिन करौली में माहौल एकदम धर्ममय हो जाता है. इस बार सोमवती अमावस्या के खास मौके पर श्री राधा मदन मोहन जी के आकर्षक श्रृंगार के साथ-साथ भगवान की छप्पन भोग झांकी भी सजाई गई थी. सोमवती अमावस्या पर छप्पन भोग झांकी के दर्शन कर हजारों की संख्या में भक्त भी गदगद हो उठे.