गणेशजी का एक ऐसा अनूठा मंदिर जहां केवल गणेश चतुर्थी ही नहीं बल्कि प्रत्येक बुधवार शाम को मेले सा माहौल रहता है
jodhpur ganesh mandir:जोधपुर शहर के परकोटे के भीतर आडा बाजार जूनी मंडी में प्रथम पूज्य गणेशजी का एक ऐसा अनूठा मंदिर जहां केवल गणेश चतुर्थी ही नहीं बल्कि प्रत्येक बुधवार शाम को मेले सा माहौल रहता है। दर्शनार्थियों में सर्वाधिक संख्या युवा वर्ग की है जो इस अनूठे विनायक अपना ‘नायक’ मानते हैं।मूलत: गुरु गणपति मंदिर की ख्याति समूचे शहर में ‘इश्किया गजानन’ जी मंदिर के रूप में लोकप्रिय है। संकरी गली के अंतिम छोर पर मंदिर करीब सौ से भी अधिक वर्ष प्राचीन गुरु गणपति मंदिर को चार दशक पूर्व क्षेत्र के ही कुछ लोगों ने हथाइयों पर ‘इश्किया गजानन’ की उपमा दी। स्थानीय लोगों की माने तो जोधपुर का ये इश्किया गणेश मंदिर करीब 100 साल पुराना है। शहर की संकरी गलियों में स्थित यह मंदिर देखने में भले ही छोटा हो, लेकिन इसकी मान्यता बड़ी है। मूर्ति की प्रसिद्धि देश में ही नहीं विदेशों में भी है, राजस्थान घूमने आने वाले पर्यटक एक बार यहां जरुर आते हैं।
कपल आकर बिताते है यहां समय
पहले इस मंदिर में अधिकतर कपल ही आकर समय बिताते थे। क्योंकि शहर में ऐसी कोई जगह नहीं थी जहां वह मिल सकें। इसलिए वह यहां आकर घंटो बैठे रहते थे ताकि कोई उनसे कुछ ना कहे। अब राजस्थान ही नहीं दूसरे राज्यों से लोग यहां आकर अपनी मन्नत को पूरा करते हैं। अगर किसी प्रेमी जोड़े के प्रेम में कोई परेशानी आती है तो यह ‘इश्किया गणेश’ उनकी सहायता करते हैं।
यहा हर मनोकामनाएं होती है पूरी
श्रद्धालु सुमीत माहेश्वरी ने कहा कि इस मंदिर की मान्यता है कि यहां कोई भी आता है तो उनकी मनोकामनाएं पूरी होती है। युवक युवतिया इस मंदिर में ज्यादा आते है जो अपनी शादी से संबंधित मुराद भगवान गणेश से मांगते है। हालांकि ऐसा नही है कि केवल युवा बल्कि बुजुर्ग लोग भी आते है और भगवान गणेश सभी की इच्छा को पूरा करते है। बचपन से देखा है कि बुधवार को खासकर गणेश चतुर्थी पर काफी भीड लगती है।
आखिर क्यो पडा इश्किया गजानंद मंदिर नाम
पहले गणेश जी के इस मंदिर को गुरु गणपति के नाम से जाना जाता था। स्थानीय लोगों की मानें तो शादी से पहले प्रेमी जोड़ा पहली मुलाकात के लिए इस मंदिर में आया करते थे। दरअसल, मंदिर संकरी गली के अंदर एक निजी घर के मुख्य प्रवेश द्वार के सामने है। इस मंदिर का इस तरह निर्माण किया गया है कि इसके आगे खड़े लोग दूर से किसी को आसानी से नजर नहीं आते थे। इस कारण यहां प्रत्येक बुधवार को प्रेमी युगलों का जमावड़ा लगा रहता है। कपल्स के मिलने का प्रमुख स्थान होने के चलते भी इस मंदिर का नाम इश्किया गजानन मंदिर पड़ गया। मंदिर में सुबह 5 से दोपहर 12 बजे तक व शाम 5.30 से रात 9 बजे तक दर्शन की सुविधा है। बुधवार को रात्रि 11 बजे तक मंदिर खुला रहता है।
श्रद्धालुओं के साथ आते है उनके खत,जिसमें मांगते है मन्नत
मंदिर प्रशासन से जुड़े पुखराज सोनी ने कहा कि मंदिर में श्रद्धालुओं के साथ-साथ उनके पत्र भी काफी आते है। कई लोग मंदिर में चढाकर जाते है अगर मंदिर जब बंद होता है तो वही पत्र दानपात्र में डालकर जाते है और जब हम दानपात्र को खोलते है तो उसमें से यह खत निकलते है। तब पता चलता है कि कोई प्रेमी या प्रेमिका एक दूसरे से प्रेम करते है और शादी करना चाहते है मगर उनके परिवार के लोग नही मानते तो वह उसके लिए मन्नत मांगते है। हम उनके पत्रों को फिर गजानंद जी के समक्ष अर्पित करते है ताकि उनकी मनोकामनाएं पूरी हो सके।