Rajasthan News: सरस डेयरी पलसाना भले ही तरह-तरह के विवादों में रहती हो, लेकिन पलसाना सरस डेयरी के घी की गुणवत्ता की महक प्रदेश में अपना अलग स्थान रखती है। विवाद अलग बात है, लेकिन यहां के घी को हर कोई पसंद करता है और दूसरे जिलों में भी मांग रहती है। लेकिन वर्तमान में त्योहार और शादी विवाहों की सीजन नहीं होने से डेयरी के पास खुद के घी का पर्याप्त स्टॉक पड़ा है।
बावजूद आरसीडीएफ जयपुर ने जयपुर डेयरी का नियर एक्सपायरी डेट का करीब 45 टन घी बिना पलसाना डेयरी की स्वीकृति के ही डेयरी को थोप दिया है। हालांकि अभी घी का एक ही ट्रक डेयरी में भेजा गया है, जिसमें करीब 15 टन घी भरा हुआ है और वह भी दो दिन से डेयरी गेट के बाहर ही खड़ा है। डेयरी चेयरमैन की नाराजगी के चलते ट्रक को अभी डेयरी में खाली नहीं करवाया गया है लेकिन एमडी पर जिस प्रकार से आरसीडीएफ का दबाव देखने को मिल रहा है उस हिसाब से जल्द ही यह घी डेयरी में पहुंच जाएगा। इसके बाद देखने वाली बात होगी कि डेयरी इस घी को बाजार में किस प्रकार से बेच पाएगी।
गौरतलाब है कि जयपुर डेयरी के पास इस समय घी का काफी स्टॉक हो गया और अब दूध उत्पादन की पीक सीजन शुरू हो चुकी है ऐसे में आने वाले दिनों में घी और दूध पाउडर का स्टॉक और बढ़ जाएगा। ऐसे में जयपुर डेयरी ने सीकर सहित विभिन्न दूध संघों को नियर एक्सपायरी डेट हो रहे अपने घी को भेजना शुरू कर दिया है। लेकिन सीकर डेयरी के पास वर्तमान में करीब 250 टन घी खुद का पड़ा है। और आने वाले दिनों में पीक सीजन होने से इसमें और अधिक बढ़ोतरी हो जाएगी।
इसके बाद दूध की अधिक आवक और स्टॉक अधिक होने से डेयरी के सामने पशुपालकों से खरीदे जाने वाले दूध के भुगतान को लेकर भी समस्या खड़ी हो जाएगी। ऐसे में डेयरी के पास नियर एक्सपायरी डेट के इस घी को बाजार में खपाने को लेकर समस्या खड़ी होगी। क्योंकि आरसीडीएफ की ओर से जो घी डेयरी में भेजा गया है वह जनवरी 2024 की पैकिंग है और पलसाना सरस डेयरी वर्तमान में फरवरी का घी बाजार में बेच रही है। ऐसे में जयपुर डेयरी के घी को बेचना डेयरी के लिए चुनौती होगा। फिलहाल अध्यक्ष घी को डेयरी में रखने के मूड में नहीं है।
घी को करना होगा रिप्रोसेस व पेकिंग
15 किलोग्राम पैकिंग के घी के टीन की एक्सपायरी डेट एक साल के लिए होती है। डेयरिया अपने स्टॉक को इसी के आधार पर मेंटेन रखती है और पुराने घी को बेचती रहती है। जिससे उनके सामने एक्सपायरी डेट के बाद रिप्रोसेसिंग की समस्या नहीं आती है लेकिन जयपुर से आया घी आठ माह से ज्यादा पुराना हो गया है। वर्तमान में सीजन भी नहीं है और खुद के स्टॉक को देखते हुए इस घी को बेच पाना आसान नहीं है। जिससे इस घी को रिप्रोसेसिंग कर सीकर डेयरी के टीन में पैक करना होगा।
क्या बोले जिम्मेदार
डेयरी चेयरमैन जीताराम मील का कहना है कि आरसीडीएफ ने बिना स्वीकृति के नियर एक्सपायरी डेट का घी डेयरी को थोप दिया है जिसको बेचने के लिए डेयरी को इसे रिप्रोसेस करके पलसाना डेयरी के टीन में पैक करना होगा। साथ ही अन्य डेयरियों के नाम से उपभोक्ता हो या फिर वितरक घी को खरीदते नहीं है ऐसे में डेयरी के सामने इस घी को बेचने में समस्या आएगी। जबकि डेयरी के पास पहले से ही पर्याप्त स्टॉक है। यह स्थानीय उपभोक्ताओं के साथ और डेयरी के साथ अन्याय हो रहा है। पहले भी इस प्रकार के घी को लेकर समस्या आई थी।