जयपुर। प्रदेश के सरकारी विभागों में कार्यरत कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए नई तबादला नीति बनाई जाएगी। केंद्र सरकार की भांति प्रदेश में भी लागू होने वाली इस ट्रांसफर पॉलिसी के तहत अब सरकारी कर्मचारी व अधिकारी को ग्रामीण क्षेत्र में कम से कम दो साल नौकरी करनी होगी तथा 3 साल तबादला नहीं होगा। सरकार ने इसके लिए एक कॉमन एसओपी जारी की है, जिसे सभी विभागों को भिजवाया गया है।
विभाग के एचओडी अपने अधिकारियों से चर्चा करके जरूरत के अनुसार एसओपी में अपने सुझाव शामिल करेंगे। दरअसल, प्रदेश में तबादलों को लेकर हर बार विवाद होता है। भाजपा की वसुंधरा सरकार (2013-2018) में तत्कालीन मंत्री गुलाब चंद कटारिया की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने भी तबादला नीति का ड्राफ्ट बनाया था, लेकिन विधायकों की डिजायर के बोझ तले तबादला नीति लागू नहीं हो पाई।
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पोर्टल पर मिलेगी खाली पदों की सूची
एसओपी के अनुसार, हर विभाग 1 से 15 जनवरी के बीच जिले, उपखंड या पंचायत वार खाली पदों की सूची पोर्टल पर अपलोड करेंगे। कर्मचारी 1 से 28 फरवरी तक ट्रांसफर के लिए आवेदन करेंगे। विभाग 30 मार्च तक काउंसलिंग कर प्राथमिकता और नियम के अनुसार 30 अप्रैल तक ट्रांसफर सूची जारी करेगा।
ट्रांसफर से पहले मांगे जाएंगे ऑनलाइन आवेदन
प्रशासनिक सुधार एवं समन्वयक विभाग की ओर से जारी कॉमन एसओपी में सभी विभागों में कार्यरत कर्मचारियों के ट्रांसफर करने से पहले ऑनलाइन आवेदन मांगे जाएं गे। आवेदन में कर्मचारी या अधिकारी खाली पद पर अपनी इच्छा अनुसार ट्रांसफर के लिए आवेदन कर सके गा। इस आवेदन के बाद संबंधित विभाग की एक टीम उन कर्मचारियों की काउंसलिंग करेगी।
काउंसलिंग के लिए दिव्यांग, विधवा, एकल महिला, भूतपूर्व सैनिक, उत्कृष्ट खिलाड़ी, पति-पत्नी प्रकरण और असाध्य रोग से पीड़ित, शहीद के आश्रित सदस्य, डार्क जोन या दरस्थ ू स्थानों पर नियम अवधि तक कार्यरत कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जाएगी।
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यहां लागू नहीं होगी पॉलिसी
यह एसओपी राजभवन, विधानसभा, सचिवालय और राज्य निर्वाचन आयोग में लागू नहीं होगी, जबकि शेष सभी विभागों में लागू की जाएगी। जिन विभागों में कर्मचारियों की संख्या 2 हजार से कम है, उनमें यह एसओपी ऐसे ही लागू की जाएगी। जिनमें 2 हजार से ज्यादा कर्मचारी हैं, उन विभागों को अपनी सुविधा के अनुसार अपने सुझाव शामिल करते हुए पॉलिसी तैयार करके प्रशासनिक सुधार एवं समन्वयक विभाग को भिजवानी होगी। ये नियम बोर्ड, निगम, उपक्रम या स्वायत्तशासी संस्थाओ पर भी लागू होंगे।