Nipah Virus : नई दिल्ली। केरल में निपाह वायरस की दहशत के बीच अब इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने वैक्सीन बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। आईसीएमआर के डीजी राजीव बहल ने कहा कि देश में किसी भी नई बीमारी के खिलाफ 100 दिन में वैक्सीन बनाने का संकल्प लिया है। वैक्सीन बनाने के लिए भागीदारों की तलाश की जा रही है।
उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान डीएनए वैक्सीन, एमआरएनए वैक्सीन, एडेनोवायरल वेक्टर वैक्सीन, प्रोटीन सबयूनिट वैक्सीन और नेज़ल वैक्सीन जैसे विभिन्न प्लेटफार्मों पर टीके विकसित किए गए थे। अब हम इन विविध प्लेटफार्मों का उपयोग निपाह संक्रमण जैसी बीमारी के खिलाफ नई वैक्सीन विकसित करने के लिए कर सकते हैं।
ऑस्ट्रेलिया से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की 20 डोज खरीदने का फैसला
उन्होंने कहा कि केरल में अब तक निपाह वायरस के छह केस सामने आ चुके हैं, दो संक्रिमितों की मौत हो चुकी है। ऐसे में केंद्र सरकार ने ऑस्ट्रेलिया से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की 20 डोज खरीदने का फैसला किया है। साल 2018 में हमने ऑस्ट्रेलिया से मोनोक्लोन एंटीबॉडी की कुछ डोज लीं थी। फिलहाल, ये डोज सिर्फ 10 मरीजों के लिए उपलब्ध हैं। 20 और डोज खरीद रहे हैं. लेकिन ये दवाई संक्रमण के शुरुआती दौर में देनी होती है।
निपाह में मृत्यु दर बहुत अधिक
डीजी राजीव बहल ने कहा कि निपाह में संक्रमित लोगों की मृत्यु दर बहुत अधिक है। जबकि कोरोना में मृत्यु दर 2-3 प्रतिशत थी। यानी निपाह वायरस की चपेट में आए 100 लोगों में से 40-70 लोगों के बीच लोगों की जान जाने का खतरा है। ऐसे में इस संक्रमण से बचने के उपाय किए जा रहे है।
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