चेक जारी करने वाले के अन्य खातों से पैसा काटने और ऐसे मामलों में नए खाते खोलने पर रोक लगाने जैसे कई कदमों पर विचार कर रहा है। चेक बाउंस के बढ़ते मामलों को देखते हुए मंत्रालय ने हाल में एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई थी, जिसमें इस तरह के कई सुझाव प्राप्त हुए हैं। दरअसल, ऐसे मामलों से कानूनी प्रणाली पर भार बढ़ता है।
एक खाते से चेक बाउंस हुआ तो दूसरे खाते से काट लिया जाएगा पैसा
मीटिंग में कुछ ऐसे सुझाव बताए गए हैं जिन्हें कानूनी प्रक्रिया शुरू करने के पहले उठाया जाना चाहिए मसलन चेक जारी करने वाले के खाते में पर्याप्त पैसा नहीं है तो उसके अन्य खातों से राशि काट लेना। अर्थात् यदि किसी व्यक्ति का एक खाते में चेक बाउंस हो गया है तो उस व्यक्ति के दूसरे खाते से स्वतः ही पैसा काट लिया जाएगा।
यह भी पढ़ें: पूरे देश में 2.4 करोड़ Ration Card हुए रद्द, अभी भी 70 लाख पर लटकी है तलवार
इसके अलावा ऐसे मामलों में कुछ दिनों तक बैंक से पैसा निकालने पर अनिवार्य रोक लगाने जैसे सुझाव भी मिले हैं। सूत्रों ने बताया कि अन्य सुझावों में चेक बाउंस के मामले को कर्ज चूक की तरह लेना और इसकी जानकारी ऋण सूचना कंपनियों को देना शामिल है जिससे कि व्यक्ति के क्रेडिट स्कोर में अंक कम किए जा सके।
उन्होंने कहा कि इन सुझावों को स्वीकार करने से पहले कानूनी राय ली जाएगी। चेक जारी करने वाले के अन्य खाते से राशि स्वत: काटने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया और अन्य सुझावों को देखना होगा। चेक बाउंस होने का मामला अदालत में दायर किया जा सकता है और आवश्यक कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।
यह भी पढ़ें: शाकाहारी यात्रियों के लिए IRCTC का बड़ा ऐलान, ट्रेन में मिलेगा शुद्ध शाकाहारी खाना, ISKCON करेगा सप्लाई
चेक बाउंस पर हो सकती है दो साल की जेल
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में यदि किसी व्यक्ति का चेक बाउंस होने का मामला सामने आता है और उसका निवारण नहीं होता है तो ऐसे मामलों में अदालत संबंधित व्यक्ति को चेक की राशि से दोगुना जुर्माना या दो साल की कैद की सजा या दोनों सजाएं एक साथ सुना सकती है।