पश्चिम राजस्थान के बाड़मेर में सूअरों के आतंक से परेशान किसानों का मुद्दा जिला परिषद की साधारण सभा में जबरदस्त तरीके से उठा. धनाऊ प्रधान शम्मा बानो ने जब इस मुद्दे को बैठक में उठाया तो हर किसी ने उनकी बात का समर्थन किया कि सूअर किसानों के खेत बर्बाद करने के साथ मवेशियों और लोगों पर हमला भी कर रहे हैं.
किसानों को इन सूअरों से कैसे निजात मिलेगी. इस पर डीएफओ सविता दहिया ने कहा कि पंजाब और हरियाणा से सूअर यहां छोड़ देते हैं. हम यहां से पकड़कर पाकिस्तान छोड़ सकते हैं और क्या कर सकते हैं? इसी बीच जिला कलेक्टर टीना डाबी ने कहा कि सूअरों का हम ऑक्शन करवाएंगे.
उप वन संरक्षक सविता दहिया ने कहा कि हमारे क्षेत्राधिकार में नहीं है, क्योंकि जंगली सूअर नहीं है। कुछ लोग पंजाब व हरियाणा से पकड़कर यहां छोड़ देते है। अब हम इन्हें पकड़कर पाकिस्तान छोड़ सकते हैं और तो क्या करें। इसी बीच प्रधान ने कहा कि कुछ भी करो, समाधान चाहिए। बीच मेें जिला कलक्टर ने मामले को संभालते हुए कहा कि मुझे एक माह का समय हुआ है, मेरे पास शिकायत आई थी। इसका हम ब्लॉक अनुसार सर्वे करवाकर नीलामी करवाएंगे।
राजस्थान की तरह देश के अन्य राज्य भी हैं जहां जंगली जानवर फसलों को भारी नुकसान पहुंचाते हैं. इसमें नीलगाय, घोड़परास और जंगली सू्अरों के नाम प्रमुख हैं. ये छुट्टा जानवर रात को सुनसान समय में खेतों में हमला बोलते हैं और फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं. ये जानवर फसलों को चरने के अलावा रौंद कर पूरी तरह से नष्ट कर देते हैं. इससे किसानों को भारी नुकसान होता है. इस नुकसान से छुटकारा पाने के लिए प्रशासन स्तर पर कई अभियान चलाए जा रहे हैं, लेकिन सब व्यर्थ साबित हो रहे हैं. अब यह मुद्दा राजनीतिक भी बन गया है और यहां तक कि संसद में भी यह सवाल उठ चुका है.