भोपाल। मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में केंद्र सरकार अपने प्रोजेक्ट के तहत बड़े जोर-शोर से दक्षिण अफ्रीका के नामीबिया से चीते लेकर आई थी। लेकिन पार्क की बदइतंजामी इन चीतों और इनके शावकों की जान का दुश्मन बन गया। बीते 15 दिन में कूनो नेशनल पार्क में दो और शावक की मौत हो गई। एक शावक की मौत बीते मंगलवार को हो गई थी।
कुपोषण की वजह से हुई मौत !
विशेषज्ञ बताते हैं कि इन शावकों की मौत कुपोषण की वजह से हुई है और इन चीतों के लिए इस भीषण गर्मी में राहत देने का कोई इंतजाम नहीं किया गया। जिसके चलते इन शावकों की मौत हुई है। जिन शावकों की आज मौत हुई है उनकी मां ज्वाला को नामीबिया से लाया गया था। उसने यहां पर 4 शावकों को जन्म दिया था। जिनमें से 3 की मौत हो चुकी है। अब सिर्फ एक ही शावक बचा हुआ है, उसे मॉनिटरिंग में रखा गया है।
अब तक 5 चीतों की हो चुकी है मौत
बीते 9 मई को भी अफ्रीका से आए चीता धीरा की मौत हो गई थी। अब तक 5 चीते दम तोड़ चुके हैं। जिन चीतों की अब तक मौत हो चुकी है, उनमें 6 साल का चीता उदय जिसकी पिछले महीने मौत हुई है, वहीं साउथ अफ्रीका के नामीबिया से लाए गए चीते शाशा ने भी दम तोड़ दिया है। वही जानकारी है कि अब मानसून से पहले कूनो नेशनल पार्क में फिर से चीतों को छोड़ा जाएगा। ये चीते कहीं बाहर से नहीं बल्कि बाड़े से निकालकर खुले जंगल में छोड़ जाएंगे। ताकि बाहर के वातावरण में इन चीतों की परवरिश हो सके।
जून के आखिर में छोड़े जाएंगे चीतें
पार्क के अधिकारियों का कहना है कि जून के आखिर तक ये चीते बाड़े से निकालकर खुले जंगल में छोड़े जाएंगे। पार्क में खुले घूमने वाले क्षेत्रों में 5 और चीते को सेफ एंक्लोजर से छोड़ने की तैयारी की जा रही है।