महाराष्ट्र में एक बेहद शर्मनाक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां अंधविश्वास के चलते एक परिवार ने अपनी ही बहू के पीरियड्स ब्लड की मांग कर दी। यही नहीं उन्होंने बहू के पीरियड्स ब्लड को 50 हजार रुपए में बेच तक दिया। जब यह पूरा मामला सामने आया तो इसकी जांच में पता चला कि संतान ना होने के चलते एक व्यक्ति ने उस परिवार से संपर्क कर उसकी बहू के पीरियड्स का ब्लड मांग लिया। लालच में अंधे परिवार ने बगैर कुछ सोचे समझे अपनी बहू से उसके पीरियड ब्लड की मांग कर दी।
ये है पूरा मामला
यह पूरा मामला पुणे जिले का है यहां के विश्वंतवाड़ी पुलिस थाने में एक 27 वर्षीय विवाहिता ने अपने पति, सास, ससुर और अन्य चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। महिला ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उसकी शादी 2019 को बीड में हुई थी, लेकिन शादी के कुछ दिनों बाद ही ससुराल वाले उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने लगे। महिला ने आरोप लगाया कि एक दिन उसके पति ने अपने मां-बाप के कहने पर यानी उसके सास-ससुर के कहने पर अपनी ही पत्नी से माहवारी के दौरान आने वाले खून की मांग कर दी। यह सुनकर महिला हक्की-बक्की रह गई। जब उसने पीरियड का ब्लड देने से मना किया तो उसे मारा-पीटा और मानसिक रूप से भी प्रताड़ित किया। महिला का कहना है कि हद से ज्यादा यातना मिलने के बाद पीरियड ब्लड देने का फैसला मजबूरी में किया।
संतान प्राप्ति के लिए एक व्यक्ति से अघोरी ने की थी मांग
महिला ने आगे कहा कि उसकी ननद के पति यानी रिश्ते में उसके जीजा लगने वाले व्यक्ति ने उस पीरियड ब्लड को एक बोतल में भरकर एक व्यक्ति को दे दिया और उसके बदले 50 हजार रुपए ले लिए। दरअसल उस व्यक्ति के कोई संतान नहीं थी। जिसके बाद उसने एक अघोरी से संपर्क किया तो उस अघोरी ने उससे किसी महिला के पीरियड बल्ड की मांग की। इसी मांग को लेकर वह महिला के जीजा के पास गया था जिसके बाद ही यह पूरा ताना-बाना बुना गया।
पति, सास, ससुर, ननदोई समेत 9 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
विश्वंतवाड़ी पुलिस थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक दत्तात्रेय भापका ने कहा कि पीड़िता की शिकायत पर उसके पति सास-ससुर जीजा और भतीजे के खिलाफ धारा 377, 354 और 498 के साथ ही मानव बलि, अमानवीय, अघोरी प्रथाएं, काला जादू रोकथाम एवं उन्मूलन अधिनियम के तहत केस दर्ज किया जा चुका है।
इस मामले को बीड पुलिस को सौंप दिया गया है। महिला ने पुणे के विश्वंतवाडी पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया था क्योंकि पुणे में ही उसका मायका है लेकिन ससुराल बीड में है और आरोपी बीड में ही हैं। इसलिए यह केस बीड पुलिस को दे दिया गया है।