Modi Surname Defamation Case: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सरनेम’ को लेकर दिए गए एक बयान मामले में चल रहे मानहानि केस में बड़ा झटका लगा है जहां गुजरात हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राहुल गांधी की याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट में राहुल की ओर से लगाई गई पुनर्विचार याचिका को खारिज करते हुए सूरत कोर्ट द्वारा सुनाई गई उनकी 2 साल की सजा को बरकरार रखने के आदेश दिए हैं.
हालांकि राहुल के पास अभी सुप्रीम कोर्ट जाने का रास्ता खुला है. इधर राहुल पर फैसला आने के बाद अब माना जा रहा है कि अब उनके 2024 के लोकसभा चुनाव लड़ने पर भी तलवार लटक गई है. बता दें कि हाईकोर्ट में जस्टिस हेमंत पृच्छक की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि निचली अदालत का फैसला सही है और एचसी ने सूरत कोर्ट के फैसले पर राहत देने से इनकार करते हुए राहुल गांधी की याचिका को खारिज कर दिया.
मालूम हो कि राहुल गांधी ने सजा पर रोक लगाने की मांग को लेकर कोर्ट में याचिका दाखिल की थी जहां मई महीने में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उन्हें अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था. वहीं उस दौरान कोर्ट ने कहा था कि वह इस मामले में सीधा आखिरी आदेश जारी करेंगे जिसके बाद 7 जुलाई की तारीख दी गई थी.
2019 में की थी राहुल ने टिप्पणी
दरअसल राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनावों के प्रचार के दौरान कर्नाटक में एक रैली को संबोधित करते हुए ‘मोदी सरनेम’ को लेकर एक टिप्पणी की थी जिसके बाद बवाल हो गया था. वहीं इस मामले में बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज करवाया था जहां 4 साल के बाद बीते 23 मार्च को सूरत की निचली कोर्ट ने राहुल को दोषी करार दिया था और 2 साल की सजा का ऐलान किया था.
वहीं राहुल गांधी के सरनेम वाले मामले पर फैसला आने के बाद प्रतिनिधित्व अधिनियम की पालना करते हुए लोकसभा सचिवालय ने राहुल की संसद सदस्यता रद्द करने का आदेश जारी कर दिया था जहां राहुल केरल के वायनाड से सांसद थे.
राहुल के समर्थन में उमड़े कांग्रेस कार्यकर्ता
इधर राहुल गांधी पर गुजरात हाईकोर्ट का फैसला आते ही दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय से लेकर राजस्थान तक उनके समर्थकों की भारी भीड़ जुटने लगी है जहां राहुल के समर्थक उनके समर्थन में लगातार नारेबाजी कर अपना आक्रोश जता रहे हैं. राजधानी जयपुर में पीसीसी में सभी नेताओं का जमावड़ा लगा है जहां जमकर नारेबाजी हो रही है.
इधर राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने फैसला आने के बाद मीडिया से कहा कि कोर्ट के फैसले को चैलेंज तो नहीं कर सकते हैं लेकिन मन में जरूर है कि यह गलत हुआ है. हम फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाएंगे और नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खुलकर रहेगी.