नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक ली। सीडब्ल्यूसी की बैठक करीब 4 घंटे चली। कांग्रेस शासित राज्यों के सभी मुख्यमंत्रियों ने सीडब्ल्यूसी की बैठक में ऐतिहासिक फैसला लिया। सीडब्ल्यूसी की बैठक में फैसला लिया गया है कि वे कांग्रेस शासित राज्य हिमचाल प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ में जातिगत जनगणना कराएंगे। इस संबंध में प्रस्ताव पारित किया गया है, जिसकी कॉपी आपको जल्दी मिलेगी।
CWC में ऐतिहासिक फैसला लिया गया जहां बैठक में करीब 4 घंटे तक जातिगत जनगणना पर चर्चा हुई और जाति आधारित सर्वे करवाने का सर्वसम्मति से फैसला लिया गया है। राहुल गांधी ने कहा कि हमारी पार्टी के सीएम कर्नाटक, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ में जाति आधारित जनगणना करवाएंगे। वहीं इंडिया गठबंधन के जातिगत जनगणना का समर्थन करने को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस की सबसे बड़ी बॉडी ने जातिगत जनगणना करवाने का फैसला लिया है। जहां हम बीजेपी पर भी दबाव डालेंगे। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन में काफी पार्टियां हमारे फैसले का समर्थन करेंगी, हालांकि एक-दो दल हो सकते हैं, जो इसका विरोध कर सकते हैं। जिससे हमें कोई आपत्ति भी नहीं है।
राहुल बोले-जातिगत जनगणना से हकीकत सामने आएगी
राहुल गांधी ने कहा कि देश के भविष्य के लिए जातिगत जनगणना जरूरी है और कांग्रेस पार्टी इस काम को पूरा करेगी क्योंकि हम जब वादा करते हैं उसको निभाते हैं। राहुल गांधी ने कहा कि हम जाति या धर्म की बात नहीं कर रहे हैं, हम बात कर रहे हैं गरीबी की, क्योंकि जातिगत जनगणना से ही हकीकत सामने आएगी जहां हर किसी को न्याय मिलेगा।
उन्होंने कहा कि हमारे चार मुख्यमंत्री हैं जिनमें से 3 ओबीसी के हैं, लेकिन बीजेपी के 10 सीएम हैं। जिनमें से सिर्फ एक ओबीसी समुदाय से आते हैं। उन्होंने कहा कि ओबीसी की बात बहुत होती है, लेकिन केंद्र सरकार को यह बताना है कि आपने ओबीसी के लिए क्या किया।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ओबीसी समुदाय के लिए काम नहीं करते हैं, उनका काम ओबीसी वर्ग का ध्यान भटकाने का है और ओबीसी को कितनी भागीदारी मिल रही है केंद्र सरकार इससे ध्यान भटकाती है।
राहुल गांधी ने कहा कि हम किसी को बांटने की बात नहीं कर रहे हैं, हम इस देश की जनता के हक की बात कर रहे हैं।
बिहार सरकार ने जारी किए थे जातिगत जनगणना के आंकडे़ं…
बिहार सरकार ने हाल ही में राज्य में कराई गई जातिगत जनगणना के आकंड़ें जारी किए थे।0 इन आंकड़ों के मुताबिक बिहार में 36 फीसदी अत्यंत पिछड़ा, 27 फीसदी पिछड़ा वर्ग, 19 फीसदी से थोड़ी ज्यादा अनुसूचित जाति और 1.68 फीसदी अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या बताई गई है। बिहार सरकार के मुख्य सचिव समेत अन्य अधिकारियों ने इसकी रिपोर्ट जारी की थी। बिहार सरकार ने राज्य में जातिगत जनसंख्या 13 करोड़ से ज्यादा बताई है। अधिकारियों के मुताबिक, जाति आधारित गणना में कुल आबादी 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 बताई गई है।