Parliament Mansoon Session : नई दिल्ली। कांग्रेस द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गुरुवार को लोकसभा में ध्वनिमत से गिर गया और मोदी सरकार की बड़ी जीत हुई। साथ ही संसद में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नया रिकॉर्ड बना डाला। एक ओर नरेंद्र मोदी अविश्वास प्रस्ताव पर सबसे लंबा भाषण देने वाले पीएम बन गए हैं तो दूसरी ओर जिस मुद्दे पर चर्चा की गई, उसकी बजाय पीएम मोदी ने सबसे ज्यादा बार कांग्रेस का नाम लिया। इसके अलावा भी कई ऐसी बातें रही, जिसके कारण मोदी का भाषण काफी खास हो गया।
संसद में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर पीएम मोदी ने 2 घंटे 13 मिनट तक जवाब दिया। इस दौरान पीएम मोदी ने 50 बार कांग्रेस का नाम लिया। हालांकि, चौंकाने वाली बात ये रही कि पीएम मोदी ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नाम लिए बिना कांग्रेस पार्टी पर हमला बोला। खास बात ये भी रही कि संसद में मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था।
लेकिन, पीएम मोदी ने चर्चा के दौरान अपने भाषण में सिर्फ 29 बार ही मणिपुर का जिक्र किया। पीएम मोदी ने 9 बार विपक्ष के गठबंधन इंडिया पर प्रहार किया। मोदी ने इंडिया गठबंधन पर चुटकी लेते हुए कहा कि ये इंडिया नहीं घमंडिया गठबंधन है। इसके अलावा पीएम मोदी के भाषण के दौरान 98 बार ताली बजी और 22 बार ठहाके लगे। साथ ही 13 बार ऐसा मौका आया, जब टोका-टोकी का माहौल बना।
संसद में बना सबसे लंबे भाषण का रिकॉर्ड
संसद में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने एक नया रिकॉर्ड भी बना डाला। पीएम मोदी ने कुल 2 घंटे 13 मिनट तक भाषण दिया। इससे पहले ये रिकॉर्ड लाल बहादुर शास्त्री के नाम था। पूर्व पीएम शास्त्री ने साल 1965 में 2 घंटे 12 मिनट तक भाषण दिया था।
हालांकि, अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को इस रिकॉर्ड की बराबरी कर ली थी। शाह संसद में 2 घंटे 12 मिनट तक बोले थे। लेकिन, अगले दिन जब पीएम मोदी ने भाषण दिया तो दोनों का रिकॉर्ड टूट गया और वो कुल 2 घंटे 13 मिनट तक बोले। इसके साथ ही पीएम मोदी संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर सबसे लंबा भाषण देने वाले नेता बन गए।
जानिए…पीएम के भाषण की खास बातें
-अविश्वास प्रस्ताव हमारे लिए हमेशा शुभ रहा है। ये इंडिया गठबंधन नहीं, घमंडिया गठबंधन है। आज देश का जो मंगल हो रहा है, चारों तरफ वाहवाही और जय-जयकार हो रही है, उसमें विपक्ष के काले टीके और काले कपड़े का भी बड़ा योगदान है!
-नार्थ ईस्ट हमारे जिगर का टुकड़ा है। यहां की समस्याएं कांग्रेस की देन हैं। मणिपुर हिंसा के दोषियों को सजा दिलवाने के लिए केंद्र-राज्य मिलकर प्रयास कर रहे हैं। यहां फिर शांति का सूरज उगेगा।
-वोटरों को भुलाने के लिए गांधी नाम भी… हर बार वो भी चुरा लिया। चुनाव चिह्न देखिए दो बैल, गाय बछड़ा, फिर हाथ का पंजा। ये सारे उनके कारनामे हैं। हर मनोवृत्ति को दिखाते हैं। सब कुछ एक परिवार के हाथों में केंद्रित हो चुका है।
-ये है लूट की दुकान, झूठ का बाजार! इसमें नफरत है, घोटाले हैं तुष्टिकरण है, मन काले हैं परिवारवाद की आग के दशकों से देश हवाले है।
-डूबने वाले को तिनके का सहारा ही बहुत, दिल बहल जाए फकत इतना इशारा ही बहुत, इतने पर भी आसमां वाला गिरा दे बिजलियां, कोई बतला दे जरा ये डूबता फिर क्या करे!
-कांग्रेस पार्टी और इनके दोस्तों का इतिहास रहा है कि इन्होंने भारत के सामर्थ्य और यहां के लोगों पर कभी भरोसा नहीं किया। इन लोगों की फितरत में ही अविश्वास है।
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