नई दिल्ली/जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सुलह हो गई है। पार्टी आलाकमान के साथ करीब चार घंटे की लंबी चर्चा के बाद कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों ने एकजुट होकर आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है। दोनों ने सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव पर सहमति जताई है। निश्चित रूप से हम राजस्थान में चुनाव जीतेंगे। यह भाजपा के खिलाफ एक संयुक्त लड़ाई होगी।
कांग्रेस राजस्थान में बेहद मजबूत स्थिति में है। किसकी क्या भूमिका होगी, इसको लेकर फैसला दोनों नेताओं ने कांग्रेस आलाकमान पर छोड़ दिया है। हालांकि, कांग्रेस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बैठक के बाद यह तय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के चेहरे पर ही कांग्रेस राजस्थान में चुनावी मैदान में उतरेगी। अब केवल कांग्रेस आलाकमान को सचिन पायलट की भूमिका तय करनी है, क्योंकि पायलट फिलहाल न तो सत्ता और ना ही संगठन में किसी पद पर हैं।
कोई भी नेता कोई चीज मांगे या आलाकमान पूछे यह रिवाज नहीं
इससे पहले पायलट को लेकर चल रही ‘फॉर्मूले’ वाली खबरों पर गहलोत ने कहा कि कोई भी नेता कोई चीज मांगे या आलाकमान पूछे कि आप कौन-सा पद लेंगे, ऐसा रिवाज मैंने नहीं देखा है और ऐसा कभी होता नहीं है। फॉर्मूले की खबरों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि यह के वल मीडिया के दिमाग की उपज है। हो सकता है कि कु छ नेता इस तरह की कहानियां रच रहे हों। कांग्रेस में अब तक न तो कभी ऐसा हुआ है और ना ही भविष्य में होगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी और आलाकमान बहुत मजबूत है तथा किसी भी नेता या कार्यकर्ता में किसी पद की मांग करने की हिम्मत नहीं है। पार्टी में ऐसा नहीं होता है। गहलोत ने कहा कि इन बातों में कोई दम नहीं है और आलाकमान पूरी तरह से मजबूत है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में ऐसी स्थिति नहीं आई है कि कोई कहे कि मैं यह पद लूंगा, ऐसी स्टोरियां अखबारों में चलती रहती हैं, जिनका कोई आधार नहीं है।
पार्टी अध्यक्ष खरगे और राहुल गांधी से की मुलाकात
इस घटनाक्रम में अशोक गहलोत और सचिन पायलट ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से मुलाकात की। गहलोत ने खरगे से उनके आवास पर शाम करीब छह बजे मुलाकात की। कु छ मिनट बाद राहुल गांधी भी इस बैठक में शामिल हुए। दोनों नेताओं ने गहलोत के साथ करीब आधे घंटे तक विचार-विमर्शकिया। इसके बाद पार्टी के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर रंधावा को बुलाया गया। करीब दो घंटे बाद पायलट बैठक में शामिल हुए। बैठक में पार्टी महासचिव के सी वेणुगोपाल और राजस्थान के कांग्रेस नेता भंवर जितेंद्र सिंह भी मौजूद थे।