लंदन। आपने भी ऐसे करंट के झटके महसूस किए होंगे। इसके पीछे की वजह बहुत ही साधारण है। शॉक लगने का संबंध हमारे शरीर की नसों से होता है। कुछ लोग इस शॉक से ज्यादा डरने लगते हैं। ये बहुत ही साधारण प्रक्रिया होती है। हालांकि डाॅक्टर इसके पीछे की वजह विटामिन बी12, बी6 और बी1 की कमी को बताते हैं। अगर आपको लगातार ऐसे झटके लगते हैं तो आप डॉक्टर को जरूर बताएं। ऐसे झटके मानसून के वक्त ज्यादा लगते हैं। वैसे यह शॉक व्यक्ति की सेंसेटिविटी पर निर्भर करता है।
बॉडी की नसों के ऊपर भी रहती है कोटिंग
जिस तरह कॉपर के तार के ऊपर प्लास्टिक की कोटिंग की जाती है। हमारी बॉडी की नसों के ऊपर भी कोटिंग रहती है। इसे मेडिकल भाषा में म्येलिन शीथ कहा जाता है। म्येलिन शीथ कभी-कभी डिस्बैलेंस हो जाती है। इस वजह से बॉडी में इलेक्ट्रॉन्स डिस्टर्ब हो जाते हैं। इस वक्त कोई अचानक से छू देता है तो नसों में म्येलिन शीथ एक्टिव हो जाता है, जिससे हमें ऐसा महसूस होता है कि शॉक लगा हो।
प्लास्टिक की कुर्सी पर करंट!
कभी ऐसा हुआ हो कि आप प्लास्टिक की कुर्सी पर बैठे हैं और शॉक लगा हो। ऐसा इसलिए होता है कि प्लास्टिक की कुर्सी पर बैठे हुए पैर जमीन से नहीं छूते हैं, तो उस वक्त प्लास्टिक की कुर्सी हमारे कपड़ों से इलेक्ट्रॉन को जमा कर लेती है और इसमें पॉजिटिव चार्ज जमा होता है और जैसे ही आप कुर्सी से उठते हैं तभी ये चार्ज कुर्सी की तरफ चला जाता है और उस समय कुर्सी को छूने से हल्का सा करंट महसूस होता है।
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