Coromandel express accident: ओडिशा के बालासोर में बहनागा बाजार में शुक्रवार की रातभर चीख-पुकार सुनाई देती रही जहां शुक्रवार की शाम एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई जिसके मुताबिक कोरोमंडल एक्सप्रेस, एक मालगाड़ी और हावड़ा एक्सप्रेस तीनों एक साथ आपस में टकरा गई जिसके बाद हादसे का भयावह मंजर धीरे-धीरे सामने आने लगा. अभी तक मिली ताजा जानकारी के मुताबिक इस ट्रेन हादसे में 288 यात्रियों की मौत हो गई और 900 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं. वहीं मौतों का आंकड़ा अभी बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. इधर घटना के बाद सेना और एनडीआरएफ की टाम बचाव और राहत के कामों में लगी हुई है.
वहीं बचाव में लगे अधिकारियों ने बताया कि इस हादसे के बाद ट्रेन के डिब्बों के मलबे में अभी भी कई शव फंसे हुए हैं. इधर ओडिशा सरकार ने हादसे के बाद 3 जून को राज्य में एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया है. वहीं घटनास्थल पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव शनिवार की सुबह पहुंचे और हालातों का जायजा लिया.
वहीं रेलमंत्री ने कहा कि हादसे के बाद एक हाईलेवल कमेटी बनाई गई है और एक्सीडेंट की तह तक जाएंगे. उनके मुताबिक अभी सारा फोकस रेस्क्यू अभियान पर चल रहा है. इस बीच एक सवाल यह है कि आखिर तीन ट्रेन एक साथ कैसे टकरा गई?
कैसे हुआ यह भयावह हादसा?
हादसे के मुताबिक बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस हावड़ा की ओर जा रही थी तभी शुक्रवार देर शाम इस ट्रेन के कुछ डिब्बे पटरी से उतर गए औप बगल के ट्रैक में पलट गए.
वहीं इसी दौरान ही शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस दूसरे ट्रैक से गुजरते हुए चेन्नई की तरफ जा रही थी जहां यह ट्रेन ट्रैक पर पहले से पलटे बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के डिब्बों से भिड़ गई.
इन दोनों ट्रेनों की टक्कर के बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे पटरी से उतरकर अगले ट्रैक में पर एक मालगाड़ी से और टकरा गए. रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि हादसा बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट के डिब्बे में शाम करीब 6.55 बजे पटरी से उतरे और कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे 7 बजे पटरी से उतरे. ऐसे में पूरा हादसा महज 5 मिनट के अंतराल में हुआ.