Coromandel express accident: ओडिशा के बालासोर में हुए भयावह रेल हादसे के बाद पूरा देश सदमें में है जहां 288 से अधिक लोगों की मौत हो गई और करीब 1000 से अधिक लोग घायल हैं. शुक्रवार देर शाम बहनागा बाजार स्टेशन पर हुए इस खौफनाक हादसे में कोरोमंडल एक्सप्रेस, एक मालगाड़ी और हावड़ा एक्सप्रेस तीनों एक साथ आपस में टकरा गई जिसके बाद हादसे का भयावह मंजर धीरे-धीरे सामने आया. ताजा जानकारी के मुताबिक हादसे में 288 यात्रियों की मौत हो गई और मौतों का आंकड़ा बढ़ने की गहरी आशंका जताई जा रही है.
पीएम मोदी भी आज बालासोर जाकर हालातों का जायजा लेंगे. इधर घटना के बाद सेना और एनडीआरएफ की टाम बचाव और राहत के कामों में लगी हुई है. वहीं इस तिहरे रेल हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को सरकार की ओर से 12 लाख रुपए की आर्थिक सहायती किए जाने का ऐलान किया गया है जिसमें 10 लाख रुपए का मुआवजा रेल मंत्रालय की तरफ से दिया जाएगा वहीं पीएम मोदी ने 2-2 लाख रुपए देने की घोषणा की है.
इसके अलावा रेलमंत्री ने घटनास्थल का जायजा लेकर एक जांच कमेटी का गठन किया है…लेकिन इन सब के बीच ओडिशा ट्रेन हादसे के बाद ‘कवच’ सुरक्षा तंत्र की काफी चर्चा हो रही है जिसको लेकर रेलवे ने बीते दिनों दावा किया था कि ट्रेनों को हादसों से बचाने के लिए कवच नामक एक स्वचलित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली विकसित की गई है जिसके मुताबिक यदि ड्राइवर स्पीड कंट्रोल करना या ब्रेक लगाना भूल जाता है तो कवच के जरिए ट्रेन को कंट्रोल किया जा सकता है.
…तो टल जाता खौफनाक मंजर!
बताया जा रहा है कि ओडिशा में इस रूट पर कवच प्रणाली नहीं लगी थी. वहीं कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का एक वीडियो शेयर किया है जिसमें वह कवच के बारे में जानकारी देते हुए इसे हादसों को रोकने में मील का पत्थर बता रहे हैं.
राजस्थान से मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने सवाल पूछते हुए कहा है कि ओडिशा दुर्घटना के वक़्त ‘Kavach’कहां था रेल मंत्री जी? क्या यह ‘kavach’ भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया? वहीं कांग्रेस ने पूछा है कि क्या वाकई कोई कवच होता है?
ट्रेनों की टक्कर रोक सकता है ‘कवच’
दरअसल रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बीते दिनों राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में बताया था कि भारतीय रेलवे ने दुर्घटना रोकने के लिए एक प्रणाली ‘कवच’ को चरणबद्ध तरीके से देशभर में लागू किया है जिसकी मदद से ट्रेनों की टक्कर को रोका जा सकता है. जानकारी के मुताबिक रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन ने दक्षिण मध्य रेलवे पर 1,455 रूट किलोमीटर पर कवच लगा दिया है और बाकी काम चल रहा है.
मालूम हो कि रेल पटरियों पर हादसों को रोकने के लिए रेलवे बोर्ड ने 34,000 किलोमीटर रेल मार्ग के साथ कवच तकनीक को मंजूरी दी थी जिसके तहत लक्ष्य रखा गया था कि मार्च 2024 तक सबसे ज्यादा बिजी रहने वाली ट्रेन लाइनों पर कवच लगा दिया जाएगा. बता दें कि कवच ट्रेन के आमने-सामने आने पर कंट्रोल कर उसे पीछे ले जाता है और इसके जरिए यदि लोको पायलट ब्रेक लगाने में फेल हो जाता है तो इस प्रणाली से स्वचलित रूप से ब्रेक लग जाते हैं.