लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Mayawati) ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी द्वारा नगर निगम चुनावों में मुस्लिम समाज को उचित भागीदारी दिए जाने के कारण जातिवादी एवं साम्प्रदायिक दलों की नींद उड़ी हुई है। उत्तर प्रदेश में चार मई और 11 मई को नगर निकाय चुनाव होने हैं और मतगणना 13 मई को की जाएगी। बसपा प्रमुख ने ट्वीट किया, उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव के तहत 17 नगर निगमों में महापौर पद के लिए हो रहे चुनाव में बसपा द्वारा मुस्लिम समाज को भी उचित भागीदारी देने को लेकर यहां राजनीति काफी गरमाई हुई है।
बसपा सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय की नीति व सिद्धांत पर चलने वाली अंबेडकरवादी पार्टी है तथा इसने इसी आधार पर उत्तर प्रदेश में चार बार अपनी सरकार चलाई। इसने मुस्लिम एवं अन्य समाज को भी हमेशा उचित प्रतिनिधित्व दिया। अतः मैं लोगों से विरोधियों के षड्यंत्र के बजाय अपने हित पर ध्यान केंद्रित करने की अपील करती हूं।
बसपा ने की मुस्लिम आबादी को साधने की कोशिश
बसपा ने दो चरणों में होने वाले नगर निकाय चुनावों में महापौर के पदों के लिए 64 फीसद से ज्यादा मुस्लिम उम्मीदवार उतारकर न केवल राज्य की करीब 20 फीसदी मुस्लिम आबादी को साधने की कोशिश की है, बल्कि समाजवादी पार्टी के परंपरागत वोट बैंक में बिखराव की संभावना भी बढ़ा दी है। राजनीतिक जानकार इसे 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए मुसलमानों के बीच पैठ बनाने की बसपा की एक रणनीति मान रहे हैं। उनका यह भी कहना है कि इससे सपा के परम्परागत मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लग सकती है। वहीं, सपा और कांग्रेस ने इसे वोट काटने की रणनीति करार दिया है।
भाजपा का महापौर पद के लिए कोई मुस्लिम प्रत्याशी नहीं
भाजपा ने महापौर की किसी भी सीट पर मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारा है। दूसरी ओर बसपा ने लखनऊ, मथुरा, फिरोजाबाद, सहारनपुर, प्रयागराज, मुरादाबाद, मेरठ, शाहजहांपुर, गाजियाबाद, अलीगढ़ और बरेली नगर निगमों में महापौर पद के लिए मुस्लिम उम्मीदवार खड़े किए हैं। वहीं, सपा और कांग्रेस ने सिर्फ चार-चार मुस्लिम उम्मीदवारों पर दांव लगाया है।
भारतीय उद्योग व्यापार मंडल अध्यक्ष का दावा
उत्तर प्रदेश के व्यापारियों के संगठन भारतीय उद्योग व्यापार मंडल ने राज्य के आसन्न नगरीय निकाय चुनावों में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी उम्मीदवारों के समर्थन का ऐलान किया है। भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष रविकांत गर्ग ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि किसी भी व्यवसाय के फलने-फूलने के लिए बेहतर कानून व्यवस्था जरूरी है। गर्ग ने कहा, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के शासनकाल में व्यापारियों का जो शोषण होता था और जिस तरह की लाचार कानून-व्यवस्था थी वह अब अतीत की बात हो गई है।
यही कारण है कि अब व्यापारी भयमुक्त माहौल में कारोबार कर सकता है। गर्ग ने कहा कि पहले शहरी स्थानीय निकायों के स्तर पर रेहड़ी-पटरी वालों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था, लेकिन भाजपा की सरकार ने काफी हद तक उनकी समस्याओं का समाधान किया है और उनकी बाकी समस्याओं के समाधान के लिए और प्रयास कर रही है।