Maharashtra Landslide : महाराष्ट्र में रायगढ़ जिले के दूर दराज एक के अदिवासी बहुल गांव में हुए भूस्खलन में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है। अभी भी कुछ लोगों के शव मलबे में दबे होने की आशंका है। जिसके चलते शुक्रवार सुबह एक बार फिर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया है। एनडीआरएफ की टीम ने गुरुवार शाम को मौसम खराब होने के चलते बंद कर दिया था। लेकिन, सुबह होते ही एनडीआरएफ की टीम एक बार फिर राहत और बचाव कार्य में जुट गई है। बता दें कि भूस्खलन की घटना में 17 घर पूरी तरह तबाह हो गए और अब तक 16 लोगों की मौत हो गई। हालांकि, एनडीआरएफ की टीम ने 21 लोगों को बचा लिया है।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के अधिकारियों ने बताया कि बुधवार रात करीब 11 बजे मुंबई से करीब 80 किमी दूर खालापुर तहसील के इरशालवाड़ी गांव में तेज बारिश के चलते भूस्खलन आया था। एनडीआरएफ की चार टीमों ने घटनास्थल पर जाकर मोर्चा संभाला और स्थानीय प्रशासन के साथ बचाव कार्य शुरू किया। टीम ने 21 लोंगों को वहां से निकाला व घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया। देर शाम तक रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा। तब तक 16 शवों को मलबे से बाहर निकाला गया। लेकिन, मौसम खराब होने के चलते बाद में रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया। एनडीआरएफ ने सुबह होते ही एक बार फिर से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है। आशंका जताई जा रही है कि कुछ लोग अभी भी मलबे में दबे हुए है।
50 में से 17 घर भूस्खलन में दबे
इरशालवाड़ी एक आदिवासी गांव है, जहां पक्की सड़क नहीं है। मुंबई-पुणे राजमार्ग पर चौक गांव निकटतम शहर है। गांव में लगभग 50 घर हैं, जिनमें से 17 भूस्खलन में दब गए हैं। पड़ोसी ठाणे से भी बचाव दल भी मौके पर भेजे गए हैं। यह गांव मोरबे बांध से छह किमी दूर है, जो नवी मुंबई को पानी की आपूर्ति करता है। यह माथेरान और पनवेल के बीच स्थित इरशालगढ़ किले के पास स्थित है और यह किला प्रबलगढ़ का एक सहयोगी किला है।
सीएम ने लिया घटनास्थल का जायजा
भूस्खलन के बाद स्थिति का जायजा लेने सीएम एकनाथ शिंदे गुरुवार सुबह घटनास्थल पर पहुंचे थे। वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी सीएम से बात करके राहत कार्य की जानकारी ली। गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, ‘महाराष्ट्र के रायगढ़ में तेज बारिश से हुए भूस्खलन के संबंध में मैंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से बात की।
स्कूलों में दो दिन की छुट्टी
इधर, पुणे जिले के कुछ तालुकाओं के पहाड़ी क्षेत्र में रात भर हुई भारी बारिश के कारण स्थानीय प्रशासन ने गुरुवार से इन क्षेत्रों के स्कूलों में दो दिन की छु ट्टी की घोषणा कर दी है। जिला कलेक्टर राजेश देशमुख ने उन स्कूलों के लिए दो दिन की छुट्टी का आदेश जारी किया जो पहाड़ी क्षेत्रों में स्थित हैं। बयान में बताया गया है कि अंबेगांव, खेड़, जुन्नार, भोर, पुरंदर, मुलशी और मावल तालुका में कुल 355 स्कूल बंद रहे और शुक्रवार को भी बंद रहेंगे।
महाराष्ट्र में 9 साल पहले हुआ था सबसे बड़ा भूस्खलन
30 जुलाई, 2014 को पुणे जिले की अंबेगांव तहसील के मालिन गांव में हुए भूस्खलन के बाद यह महाराष्ट्र में सबसे बड़ा भूस्खलन है। भूस्खलन की उस घटना में लगभग 50 परिवारों वाले पूरे आदिवासी गांव में तबाही मच गई थी और मरने वालों की अंतिम संख्या 153 बताई गई थी।
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