Mahadev Gaming-Betting App Case : नई दिल्ली। ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप ‘महादेव गेमिंग-बेटिंग ऐप’ का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। दरअसल, सट्टे का काला कारोबार कर अरबों कमाने वाले सौरभ चंद्राकर ने इसी साल फरवरी में यूएई में शाही शादी की। इस शादी में करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाया गया था। बड़े-बड़े फिल्मी सितारों को परफॉर्मेंस के लिए बुलाया गया था। सितारों ने इन ठुमकों के बदले लाखों-करोड़ों की कमाई की। अब यही कमाई उनके जी का जंजाल बनने लगी है।
200 करोड़ की शादी में दावत खाने वाले कई फिल्मी सितारों पर ईडी की तलवार लटकी हुई है। बेटिंग ऐप को प्रमोट करने और हवाला के जरिए रुपए लेने के मामले में ईडी ने बॉलीवुड अभिनेता रणबीर कपूर, कपिल शर्मा, हुमा कुरैशी और हिना खान को समन जारी किया है। रणबीर कपूर को ईडी ने 5 अक्टूबर को रायपुर के ईडी दफ्तर में पेश होने के लिए कहा था। लेकिन, दिनभर इंतजार के बाद भी रणबीर ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए। बताया जा रहा है दणबीर ने ईडी को मेल भेजकर एक हफ्ते में पेश होने के लिए समय मांगा है। अधिकारियों की मानें तो रणबीर कपूर को दोबारा समन भेजा जाएगा। अगर वो पेश नहीं हुए तो रणबीर कपूर को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया जा सकता है।
बता दें कि फरवरी 2023 में चंद्राकर ने यूएई में शादी की और इस विवाह समारोह के लिए महादेव एपीपी के प्रमोटरों ने लगभग 200 करोड़ रुपये नकद खर्च किए। परिवार के सदस्यों को नागपुर से यूएई तक ले जाने के लिए, निजी जेट किराए पर लिए गए थे। इस शादी में कई मशहूर हस्तियां शामिल हुईं। वेडिंग प्लानर, डांसर, डेकोरेटर आदि को मुंबई से हायर किया गया था। नकद भुगतान करने के लिए हवाला का उपयोग किया गया।
417 करोड़ रुपए की अवैध संपत्ति जब्त
ऑनलाइन बेटिंग ऐप से जुड़े लोगों के खिलाफ ईडी लगातार कार्रवाई कर रही है। 15 सितंबर को ईडी ने रायपुर, भोपाल, मुंबई और कोलकाता में 39 स्थानों पर छापेमारी कर सटोरियों के ठिकानों से 417 करोड़ रुपए की अवैध संपत्ति जब्त की थी। इसमें बड़ी तादाद में सोने-चांदी के जेवर और कैश बरामद किया गया था। ईडी ने जांच में पाया कि महादेव बुक ऐप और सट्टेबाजी से जुड़े इस नेक्सस में छत्तीसगढ़ के कुछ राजनेताओं, पुलिस अधिकारियों और राजनेताओं की मिलीभगत भी है।
सौरभ कभी बेचता था ज्यूस….अब बना सट्टा किंग
महादेव ऑनलाइन बुकिंग ऐप का मालिक सौरभ चंद्राकर छत्तीसगढ़ के भिलाई का रहने वाला है। उसके पिता नगर निगम में पंप ऑपरेटर थे। सौरभ साल 2018 तक छत्तीसगढ़ के भिलाई में महादेव ज्यूस सेंटर के नाम से एक छोटा सा ज्यूस सेंटर चलाता था। वो तब ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप पर दांव लगाता था। लेकिन, करीब 15 लाख रुपए हार गया था। उसका करीबी दोस्त रवि उप्पल भी छोटे-मोटे काम कर अपने परिवार का पालन पोषण करता था। उसे भी सट्टेबाजी का शौक था, जो 10 लाख रुपए से ज्यादा हार चुका था। सट्टेबाजी सिंडिकेट से वसूली का दबाव पड़ने पर चंद्राकर और उप्पल साल 2019 में भिलाई से दुबई चले गए। कुछ दिनों तक दोनों ने छोटे-मोटे काम किए। इसके बाद साल 2020 में दोनों ने मिलकर महादेव ऐप लॉन्च किया और फिर धीरे-धीरे ऑनलाइन सट्टेबाजी बाजार में बड़ा नाम बन गए।
ऐसे चलता था पूरा गोरखधंधा
महादेव ऐप पर 500 रुपयों से गेम की शुरुआत होती है। साजिश के मुताबिक ये लोग यूजर को पहले गेमिंग की लत लगाते हैं। छोटे गेम में यूजर अगर हार रहा हो तो भी उसे जिताया जाता है। इसके यूजर के खाते में छोटी रकम ट्रांसफर की जाती है। छोटी-छोटी जीत से यूजर को गेमिंग की लत लग जाती है। गेमिंग की लत लगते ही ये गिरोह अपना काम शुरू कर देता है। यूजर को हराने का काम शुरू कर दिया जाता है। यूजर बड़ी जीत के लिए बड़े दांव लगाता है। लेकिन इनका गिरोह पहले से गेम सेट कर उसे हरा देता है। दुनियाभर में आज इनके 2 हजार केंद्र थे। जहां दो से तीन व्यक्ति कमीशन के लिए अपने केंद्र चलाते है। इस सट्टेबाजी एप का टर्नओवर करीब 20000 करोड़ रुपये है।
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