International Yoga Day : न्यूयॉर्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की अपनी पहली राजकीय यात्रा के लिए न्यूयॉर्क पहुंचे। हवाई अड्डे पर अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू और संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने प्रधानमंत्री की अगवानी की। इस दौरान भारतीय-अमेरिकी समुदाय के सदस्यों ने भी उनके समर्थन में ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाते हुए उनका स्वागत किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में 9वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर एक ऐतिहासिक समारोह में एक अनोखे योग सत्र का नेतृत्व करेंगे। खास बात ये है कि 11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र के 177 सदस्यों ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। तब से पीएम मोदी अपने देश में योग दिवस मना रहे है। लेकिन, ये पहली बार है कि जब वो विदेशी धरती पर योग करते नजर आएंगे। साल 2015 में पहला योग दिवस मनाया गया था। आठ साल तक मोदी ने अपने ही देश में योग दिवस मनाया। पीएम न्यूयॉर्क की अपनी यात्रा के दौरान सीईओ, नोबेल पुरस्कार विजेताओं, अर्थशास्त्रियों, कलाकारों, वैज्ञानिकों, विद्वानों, उद्यमियों, शिक्षाविदों, स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञों से भी मुलाकात करेंगे।
भारत तटस्थ नहीं, हम शांति के पक्षधर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत की ‘तटस्थ’ भूमिका की आलोचनाओंको खारिज करते हुए मंगलवार को कहा कि भारत इस मामले में शांति का पक्षधर रहा है, युद्ध का नहीं। अमेरिका दौरे की शुरुआत से पहले ‘वाल स्ट्रीट जर्नल’ को दिए साक्षात्कार में मोदी ने कहा कि सभी देशों को अंतरराष्ट्रीय कानून और राष्ट्रों की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए तथा विवादों को ‘कूटनीति और बातचीत’ के जरिए हल करना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के नामी अखबार ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ को इंटरव्यू दिया है।
मोदी ने कहा कि चीन के साथ सामान्य द्विपक्षीय संबंधों के लिए सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता जरूरी है। मोदी ने कहा, ‘भारत किसी भी मतभेद और विवाद के कानूनी और शांतिपूर्ण हल का पक्षधर है, लेकिन अपनी संप्रभुता और मान-सम्मान की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार और समर्पित भी है। मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका के नेताओं में एक-दूसरे के प्रति अभूतपूर्वविश्वास पैदा हुआ है। भारत एक बड़ी और महती भूमिका निभाने की योग्यता रखता है। हम भारत को किसी अन्य देश के पिछलग्गूके रूप में नहीं देखते। हम भारत को दनिु या में उसकी सही जगह पाते देख रहे हैं।
ये खबर भी पढ़ें:-PM मोदी का 3 दिवसीय अमेरिका दौरा : 24 ‘खास’ लोगों से करेंगे मुलाकात, चीन के आक्रामक रुख पर चर्चा संभव