India’s ultimatum to Pakistan on POK in UN: चाहे सीमा हो, या कोई अंतराष्ट्रीय मंच कही भी पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र में पाकिस्तान ने कश्मीरी राग अलापने की कोशिश की है। संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के दौरान पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र से कश्मीर पर एक प्रस्ताव पारित करने और वहां सैन्य हस्तक्षेप की मांग की है। जिस पर भारत ने भी अपनी सहमति दे दी है।
पहले तो पीओके को खाली करें पाक
संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत की प्रथम सचिव पेटल गहलोत ने कहा कि पड़ोसी सबसे पहले तो पीओके को खाली करें। पीओके पर उसने अवैध रुप से कब्जा कर रखा है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में भारतीय राजनयिक पेटल गहलोत के बयान को व्यापक महत्व दिया गया है।
पाकिस्तान को भारत की खरी-खरी
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र में भारत की प्रथम सचिव पेटल गहलोत ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, पाकिस्तान को हमारे आंतरिक मामलों में बोलने का कोई भी अधिकार नहीं है। जवाब देने के अधिकार का प्रयोग करते हुए पेटल गहलोत ने कहा, “जब पाकिस्तान दूसरों के आंतरिक मामलों में ताक-झांक कर रहा है, तो उसे पहले अपने देश में हो रहे घोर मानवाधिकार उल्लंघनों को देखना चाहिए और इसे तुरंत इसे रोकना चाहिए।”
भारत ने पाकिस्तान को लगाई जमकर लताड़ा
UN की इस बैठक में भारत ने पाकिस्तान को आईना दिखाते हुए कहा कि आपको मुंबई हमले के आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, जिसके पीड़ित 15 साल बाद भी न्याय का इंतजार कर रहे हैं। पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों का गढ़ है। पेटल गहलोत ने कहा कि पाकिस्तान को आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बना दिया है।’ दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर इस तरह उंगली उठाने का अधिकार किसी को नहीं है। पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र के मंच का दुरुपयोग करने का आदी हो गया है।
‘वैश्विक मंच का दुरुपयोग करता है पाकिस्तान’
उन्होंने आगे कहा कि वह बार-बार भारत के खिलाफ इस वैश्विक मंच का दुरुपयोग करते हैं। भारत पर बार-बार बेबुनियाद आरोप सिर्फ इसलिए लगाए जाते हैं ताकि दुनिया की नजर पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर होने वाले मानवाधिकार उल्लंघनों पर न पड़े। इस मामले में पाकिस्तान का रिकॉर्ड बेहद खराब है। पाकिस्तान का मानवाधिकार रिकॉर्ड पूरी दुनिया में सबसे खराब है। खासकर अल्पसंख्यकों और महिलाओं पर अत्याचार के मामले में। पाकिस्तान को पहले अपनी आंतरिक स्थिति सुधारनी चाहिए।