पटना। बाहुबली नेता आनंद मोहन (Anand Mohan) को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। उनकी रिहाई को लेकर डीएम कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया की याचिका पर ये सुनवाई हो रही है। इस केस को जस्टिस जेएस पारदीवाला और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ इस केस का फैसला सुनाएगी।
साल 1994 में कराई थी गोपालगंज के डीएम की हत्या
बीते 27 अप्रैल को आनंद मोहन को डीएम कृष्णैया की भीड़ ने हत्या के मामले में बिहार सरकार ने रिहा कर दिया था। इस रिहाई को लेकर ही कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। बता दें कि 5 दिसंबर साल 1994 में बिहार के मुजफ्फरपुर के गोपालगंज के डीएम जी कृष्णैया की हिंसक भीड़ ने हत्या कर दी थी। इस हत्या का आरोप पूर्व सांसद और बाहुबली नेता आनंद मोहन पर लगा था। इस आरोप में आनंद मोहन को गिरफ्तार किया गया था।
जांच में आनंद मोहन दोषी पाए गए थे। इसके बाद साल 2007, 3 अक्टूबर को लोअर कोर्ट ने आनंद मोहन को फांसी की सजा सुनाई थी। इस फैसले को पटना हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। फिर पटना हाईकोर्ट ने साल 2008 में फांसी की सजा को कम करते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसके बाद ये फैसला साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट तक में गया। सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को सुरक्षित रखा था।
बिहार सरकार ने कानून में ही करा दिया बदलाव
लेकिन बिहार सरकार ने आनंद मोहन की रिहाई के लिए कानून में ही बदलाव करा दिया। जिसके तहत सरकारी सेवक और आम व्यक्ति की हत्या को बराबर घोषित करा दिया। इस नियम के तहत ही आनंद मोहन की जेल से रिहाई हो गई। इस कानून के तहत उनके साथ 27 कैदी भी रिहा हुए थे। आनंद मोहन की रिहाई के बाद डीएम जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया ने सुप्रीम कोर्ट में आनंद मोहन की रिहाई को रद्द कर उन्हें जेल वापस भेजने की मांग की है। इस केस की पहली सुनवाई बीते 8 मई को हुई थी। तब सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को इस मामले से संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया था।