Gujarat Election 2022 : राजस्थान से होकर जाएगा गुजरात में कांग्रेस की जीत का रास्ता! अशोक गहलोत दिखाएंगे जादूगरी

Gujarat Election 2022 : गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान अभी नहीं हुआ है। लेकिन चुनावी जमीन पूरी तरह से तैयार है। गुजरात में…

Gujarat Election 2022 : राजस्थान से होकर जाएगा गुजरात में कांग्रेस की जीत का रास्ता! अशोक गहलोत दिखाएंगे जादूगरी

Gujarat Election 2022 : गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान अभी नहीं हुआ है। लेकिन चुनावी जमीन पूरी तरह से तैयार है। गुजरात में कांग्रेस अपना परचम लहराने को बेताब है तो भाजपा अपना गढ़ बचाने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है। गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने राजनीति के जादूगर और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को गुजरात चुनाव का वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। अब हर किसी की नजरें अशोक गहलोत पर हैं कि वे गुजरात में भी राजस्थान जैसी जादूगरी चला पाते हैं या नहीं।  

पिछली बार अशोक गहलोत के नेतृत्व में किया था अच्छा प्रदर्शन  

पिछली बार के चुनाव में भी अशोक गहलोत को गुजरात की जिम्मेदारी दी गई थी। जिसमें पिछले चुनावों के मुकाबले कांग्रेस कुछ बेहतर किया था। 182 सीटों वाली गुजरात विधानसभा के 2017 के चुनाव में भाजपा ने 99 सीटें जीती थीं। वहीं अशोक गहलोत के पर्यवेक्षण में कांग्रेस ने 77 सीटें जीती थीं। इससे पहले 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 60 सीटें मिली थीं। वहीं भाजपा ने 116 सीटों पर जीत हासिल कर सरकार बनाई थी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अशोक गहलोत के नेतृत्व में जिस तरह कांग्रेस लगभग भाजपा को टक्कर देने की स्थिति में थी। इसी तरह का करिश्मा शायद इस बार भी हो। लेकिन गुजरात को भाजपा का गढ़ माना जाता है। यहां पर किसी दूसरी पार्टी का स्थापित होना एक बड़ी चुनौती के समान माना जाता है। गहलोत को इसी चुनौती पर इस बार पार पाना है।

ये है गुजरात का जातीय समीकरण

गुजरात के चुनावों को समझने के लिए सबसे पहले यहां के जातिगत समीकरणों को समझना पड़ेगा। साल 2013 कि हिसाब से पूरे गुजरात की आबादी 6 करोड़ 27 लाख से ज्यादा है। इनमें सबसे ज्यादा ओबीसी यानी पिछड़ी जाति के लोग हैं। प्रदेश में लगभग 52 प्रतिशत लोग इसी जातिवर्ग के हैं। गुजरात में सबसे ज्यादा संख्या पाटीदारों की है। इनकी संख्या यहां लगभग 16 प्रतिशत हैं। दलित 7 प्रतिशत हैं, आदिवासी समुदाय 11 प्रतिशत तो मुस्लिम आबादी 9 प्रतिशत है। सवर्ण जाति के लोग गुजरात में सबसे कम हैं। यहां ब्राह्मण, कायस्थ और अन्य जातियां मिलाकर ही 6 प्रतिशत हैं। गुजरात की राजनीति में सबसे ज्यादा भागीदारी पाटीदारियों की रही है। ये राजनीतिक रूप से सबसे ज्यादा ताकतवर माने जाते हैं।

गुजरात की राजनीति में सबसे ज्यादा प्रभावी पाटीदार

गुजरात भाजपा का अभेद किला बताया जाता है, उसका सबसे बड़ा कारण यही पाटीदार हैं। यह बात अलग है कि गुजरात में सबसे ज्यादा संख्या ओबीसी वर्ग की है औऱ यहां की लगभग आधी सीटों पर सीधे तौर पर वहीं प्रभाव रखते हैं। इसलिए कांग्रेस को इन दोनों को ही साध कर चलना होगा, खासकर वरिष्ठ पर्यवेक्षक अशोक गहलोत को इन सभी को ध्यान में चलना होगा। अब देखना यह है कि अशोक गहलोत अपेन आगामी गुजरात दौरे में क्य़ा जादूगरी दिखाते हैं।   

राजस्थान के संकट से क्या पड़गा कोई फर्क

पिछले दिनों राजस्थान में आए सियासी भूचाल के बाद कई विश्लेषकों के बीच यह चर्चाएं जोरों पर थीं कि क्या राजस्थान का यह सकंट गुजरात में भी कोई समस्या खड़ी करेगा। लेकिन इसका जवाब तो खुद अशोक गहलोत ने दे दिया। राजस्थान के सीएम को लेकर मचे घामासान के बीच अशोक गहलोत ने खुद अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद राजस्तान की स्थिति यथावत ही रह गई। इस जादूगरी से उन्होंने राजस्थान तो संभाल लिया अब गुजरात को कैसे संभालते हैं वह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

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