Gaganyaan Mission : पहले रॉकेट से आसमां में उड़ान… फिर पैराशूट से समुद्र में उतरा क्रू मॉड्यूल

देश के पहला मानव मिशन ‘गगनयान’ ने तमाम बाधाओं और चुनौतियों को पार करते हुए अपनी पहली परीक्षा पास कर ली।

Gaganyaan Mission

Gaganyaan Mission : नई दिल्ली। देश के पहला मानव मिशन ‘गगनयान’ ने तमाम बाधाओं और चुनौतियों को पार करते हुए अपनी पहली परीक्षा पास कर ली। इसरो ने गगनयान मिशन के टेस्ट व्हीकल को शनिवार सुबह 10 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सफलतापूर्वक लॉन्च किया। टीवी-डीवी 1 (क्रू मॉड्यूल) मिशन के सफलतापूर्वक प्रक्षेपण पर इसरो चीफ एस सोमनाथ ने पूरी टीम को बधाई दी।

मिशन गगनयान के टेस्ट फ्लाइट की लॉन्चिंग सुबह 8.45 बजे होनी थी। लेकिन, तकनीकी खराबी के चलते लॉन्चिंग को होल्ड कर दिया। कुछ देर बाद ही इसरो के वैज्ञानी ने खराबी को ठीक करते हुए ऐलान किया कि 10 बजे लॉन्चिंग की जाएगी। इसके बाद गगनयान मिशन के टेस्ट व्हीकल को शनिवार सुबह 10 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया।

पृथ्वी पर पैराशूट की मदद से उतारा क्रू मॉड्यूल

जानकारी के मुताबिक ये मिशन करीब 9 मिनट का था। इस मिशन के लॉन्च होने के बाद करीब 16 किमी की ऊंचाई तक रॉकेट की मदद से क्रू मॉड्यूल उड़ा और फिर इसे श्रीहरिकोटा से 10 किमी दूर बंगाल की खाड़ी में क्रू मॉड्यूल को उतारा गया। जहां पर समुद्र में नेवी की टीम पहले से ही तैनात रही, जो इस मॉड्यूल को लेकर इसरो कमांड तक पहुंची।

तीन चरणों की गई टेस्टिंग

बता दें कि रॉकेट में गड़बड़ी होने पर अंदर मौजूद एस्ट्रोनॉट को पृथ्वी पर सुरक्षित लाने वाले सिस्टम की टेस्टिंग की गई। टेस्ट फ्लाइट में तीन हिस्से थे- अबॉर्ट मिशन के लिए बनाया सिंगल स्टेज लिक्विड रॉकेट, क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम। हालांकि, लॉन्चिंग के वक्त क्रू मॉड्यूल के अंदर का वातावरण अभी वैसा नहीं था, जैसा मुख्य मिशन के दौरान होगा।

लॉन्चिंग से पहले दो बार आई परेशानी

गगनयान मिशन के टेस्ट व्हीकल के प्रक्षेपण से पहले दो बार परेशानी का सामना करना पड़ा। दरअसल, मिशन गगनयान के टेस्ट फ्लाइट की लॉन्चिंग आज सुबह 8 बजे इसरो के श्रीहरिकोटा से होनी थी। लेकिन, मौसम खराब होने के कारण सुबह 8.45 बजे लॉन्चिंग का समय निर्धारित किया गया। लेकिन, तय समय पर जब लॉन्चिंग की प्रक्रिया शुरू हुई तो आखिरी के 5वें सेकेंड में मिशन को होल्ड कर दिया गया। इसरो ने जानकारी दी कि तकनीकी खराबी आई है, जिसे जल्द ही ठीक लिया जाएगा। इसके बाद सुबह 10 बजे लॉन्चिंग की गई, जो सफल रही।

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