पिता का सपना था बेटा बने क्रिकेटर… पाई पाई को जोड़कर की प्रैक्टिस, मोहम्मद सिराज ने एशिया कप में रचा इतिहास

भारतीय क्रिकेट टीम के प्रमुख गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने एशिया कप के फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ शानदार गेदबाजी करते हुए देखते ही देखते चर्चा का विषय बन गए है। मौजूदा समय में सिराज को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों में से एक माना जाता हैं।

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Indian Cricketer Mohammed Siraj: भारतीय क्रिकेट टीम के प्रमुख गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने एशिया कप के फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ शानदार गेदबाजी करते हुए देखते ही देखते चर्चा का विषय बन गए है। मौजूदा समय में सिराज को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों में से एक माना जाता हैं। सिराज ने अपनी जिंदगी में मुश्किलों से लड़ते हुए पहले भारतीय क्रिकेट टीम में अपने लिए खास जगह बनाई और फिर वनडे क्रिकेट में नंबर-1 गेंदबाज बनकर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा।

हैदराबाद में जन्मे मोहम्मद सिराज

मोहम्मद सिराज का जन्म 13 मार्च 1992 को हैदराबाद के एक समान्य परिवार में हुआ था। उनके पिता मोहम्मद गौस एक ऑटो रिक्शा चालक थे। उनकी मां शबाना बेगम एक गृहिणी हैं। आर्थिक तंगी के बावजूद सिराज के लिए क्रिकेट खेलना आसान नहीं था, लेकिन उनके पिता का सपना था कि उनका बेटा क्रिकेटर बने, जिसे सिराज ने अपनी मेहनत से पूरा किया और अपने परिवार का नाम रोशन किया।

सात साल की उम्र में खेलना शुरु किया क्रिकेट

मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो सिराज ने सात साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया था। शुरुआत में वह टेनिस बॉल से खेलते थे। 2015 में उन्होंने पहली बार चमड़े की गेंद से क्रिकेट खेला और क्रिकेट के दिग्गजों को प्रभावित करने में सफल रहे। हैदराबाद की U19 टीम के बाद उन्होंने सीनियर और फिर रणजी टीम में अपनी जगह बनाई। इसके बाद भी उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा।

पापा देते थे रोज 100 रुपये

सिराज ने मीडिया को दिए अपने एक इंटरव्यू में बताया है कि उनका परिवार बेहद गरीब था. उनके पिता ऑटो रिक्शा चलाते थे और वह अपने परिवार में एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे। सिराज को क्रिकेटर बनाने के लिए उनके पिता हर दिन 100 रुपये सिराज को देते थे, जिससे सिराज अपनी बाइक में पेट्रोल भरवाते थे और क्रिकेट प्रैक्टिस के लिए जाते थे। उस वक्त उनके पास एक प्लैटिना बाइक हुआ करती थी।

घरेलू क्रिकेट से आए चयनकर्ताओं की नजर में

जानकारों की मानें तो हैदराबाद के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने के बाद सिराज चयनकर्ताओं की नजर में आए। 2016-17 रणजी ट्रॉफी में सिराज 41 विकेट लेकर हैदराबाद के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बने। 2017-18 विजय हजारे ट्रॉफी में, उन्होंने कर्नाटक के लिए सात मैचों में 23 विकेट लेकर अपनी टीम के लिए सबसे अधिक विकेट लिए।

इतना ही नहीं, वह 2016-17 रणजी ट्रॉफी में 41 विकेट लेकर हैदराबाद के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए। 2017-18 विजय हजारे ट्रॉफी में, उन्होंने कर्नाटक के लिए सात मैचों में 23 विकेट लेकर अपनी टीम के लिए सबसे अधिक विकेट लिए। सिराज के इन रिकॉर्ड्स ने सिराज के लिए आगे की राह आसान कर दी.

2017 में किया IPL डेब्यू

घरेलू मैचों में बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर 2017 में आईपीएल डेब्यू किया। उन्हें 2017 इंडियन प्रीमियर लीग के लिए सनराइजर्स हैदराबाद ने 2.6 करोड़ में खरीदा था। इसके बाद साल 2018 में आरसीबी ने उन्हें अपनी टीम में शामिल किया। मोहम्मद सिराज आईपीएल इतिहास में एक मैच में दो मेडन ओवर फेंकने वाले पहले गेंदबाज हैं।

T-20 सीरीज में भारत के लिए किया डेब्यू

आईपीएल में उनकी गेंदबाजी ने बीसीसीआई चयनकर्ताओं को काफी प्रभावित किया। साल 2017 में न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज में भारत के लिए डेब्यू किया। शुरुआत में उनकी गेंदबाजी कुछ खास नहीं रही। कई मौकों पर खूब रन लुटाए। फिर जैसे-जैसे वह भारत के लिए खेले, उनकी गेंदबाजी में सुधार होता गया। आज वह भारत के प्रमुख गेंदबाजों में से एक हैं। अब वह भारत के लिए लगातार विकेट ले रहे हैं।

सिराज आईपीएल के 13वें सीजन में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए खेल रहे थे। वहां से वह सीधे ऑस्ट्रेलिया 2019 दौरे पर आए। इसी दौरान उनके पिता मोहम्मद गौस का 53 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वह फेफड़ों की बीमारी से पीड़ित थे। ऑस्ट्रेलिया में क्वारंटाइन अवधि के कारण सिराज अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सके।

मोहम्मद शमी की जगह मिली टीम में जगह

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में जब मोहम्मद शमी चोट के कारण सीरीज से बाहर हो गए तो सिराज की टीम में एंट्री हुई. इसी मैच में राष्ट्रगान के दौरान मोहम्मद सिराज भावुक हो गए और उनकी आंखों से आंसू आने लगे। तब अपने खिलाड़ी को रोता देख पूरा देश दुखी हो गया था।

परिवार का सपना पूरा हुआ तो मां हुई भावुक

भारत और न्यूजीलैंड के बीच वनडे सीरीज का दूसरा मैच मोहम्मद सिराज के होम ग्राउंड हैदराबाद में खेला गया। सिराज अपने घरेलू मैदान हैदराबाद में पहली बार भारत के लिए कोई अंतरराष्ट्रीय मैच खेल रहे थे। उनका परिवार भी उन्हें चीयर करने के लिए स्टेडियम में आया था। सिराज के दोस्त भी उनके प्रदर्शन का जश्न मनाते दिखे।