निजी संबंधों पर ग्लोबल वॉर्मिंग का असर, भारत में गर्मी से बढ़ रही घरेलू हिंसा, नेपाल-पाक में भी यही हाल

दरअसल, ग्लोबल वॉर्मिंग का असर अब निजी संबंधों पर पड़ने लगा है। यह आने वाले समय के लिए बहुत खतरनाक हो सकता है। 

domestic violence

Global Warming : नई दिल्ली। भारत में तापमान बढ़ने से घरेलू हिंसा में बढ़ोतरी हुई है। एक इंटरनेशनल अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि भारत ही नहीं, बल्कि उसके पड़ोसी देश नेपाल, पाकिस्तान में भी यही हाल है। दरअसल, ग्लोबल वॉर्मिंग का असर अब निजी संबंधों पर पड़ने लगा है। यह आने वाले समय के लिए बहुत खतरनाक हो सकता है। 

भारत, पाकिस्तान, नेपाल की 15 से 49 वर्ष की 1.94 लाख से ज्यादा महिलाओं ने यह शिकायत की है कि साथ याैन हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं। बता दें, यह डेटा एक अक्टूबर 2010 से 30 अप्रैल 2018 के बीच का है। यह अध्ययन हाल ही में जेएएमए साइकाइट्री जर्नल में प्रकाशित हुई है। 

भविष्य में और ज्यादा पड़ेगी गर्मी… 

वैज्ञानिकों के अनुसार सालाना तापमान जब एक डिग्री सेल्सियस बढ़ता है, तब हिंसा की घटनाएं (आईपीवी) 4.9 प्रतिशत बढ़ जाती है। इस कारण सबसे ज्यादा हिंसा दर्ज होती है। अध्ययन के मुताबिक शारीरिक हिंसा सबसे प्रमुख है जो करीब 23 प्रतिशत है जबकि 12.5 प्रतिशत के साथ भावनात्मक हिंसा और 9.5 प्रतिशत के साथ यौन हिंसा क्रमश: दसरे और त ू ीसरे स्थान पर है।

बढ़ते तापमान से बढ़ता तनाव

इस अनुसंधान पत्र को लिखने वाले चीन स्थित फुदान विश्वविद्यालय के रेनजी चेन ने ‘पीटीआई-भाषा’ को ईमेल के जरिए बताया, “अधिक समय तक गर्मी के संपर्क में रहने का संबंध अड्रेनलिन हार्मोन के स्राव से होता है जिससे मनोवैज्ञानिक उत्तेजना बढ़ सकती है। इसके साथ ही इससे मस्तिष्क के स्वास्थ्य पर विपरीत असर हो सकता है जिसका नतीजा घरेलू हिंसा के रूप में सामने आ सकता है।”

2090 के हालात का अनुमान 

अध्ययन में वर्ष 2090 तक जलवायु परिवर्तन की विभिन्न परिस्थितियों पर विचार करने के बाद अनुमान लगाया गया है कि गर्मी पड़ने पर शारीरिक और यौन हिंसा क्रमश: 28.3 प्रतिशत और 26.1 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच जाएगी, जो भावनात्मक हिंसा में वृद्धि के अनुमानित आंकड़े 8.9 प्रतिशत से कहीं अधिक होगा। 

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