जयपुर। राजस्थान यूनिवर्सिटी (Rajasthan University) में चल रही फ्री कोचिंग को लेकर विश्वविद्यालय और कोचिंग संस्थान आमने-सामने हो गए हैं। विवाद के चलते यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एपीटीसी सेंटर पर शुक्रवार को ताला लगा दिया। इसके बाद छात्रों ने कुलपति सचिवालय का घेराव कर जमकर हंगामा किया। यूनिवर्सिटी ने संस्था को शनिवार तक जगह खाली करने को कहा है।
गौरतलब है कि राजस्थान विश्वविद्यालय के एपीटीसी सेंटर में राजीव गांधी वेलफेयर सोसायटी द्वारा एक पहल संस्थान की ओर से निशुल्क कोचिंग शुरू की गई थी। सोसायटी का सरकार के साथ के एक एमओयू हुआ था, जिसके तहत एक पहल संस्थान को प्रदेश के सभी 545 सरकारी कॉलेज में निशुल्क ऑनलाइन कक्षाओं का प्रसारण करना था।
साथ ही एपीटीसी सेंटर आरयू में ऑनलाइन कक्षाएं लगानी थी। ऑनलाइन और ऑफलाइन कक्षाओं का उद्घाटन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया था। इस संबंध में युनिवर्सिटी से कोई लिखित में समझौता नहीं हुआ था। ऐसे में युनिवर्सिटी प्रशासन ने 27 जून को संस्थान के अध्यक्ष देव अमित सिंह को पत्र लिखसेंटर खाली करने के निर्देश दिए थे।
13 हजार स्टूडेंट्स का रजिस्ट्रेशन
एक पहल संस्था की ओर से एपीटीसी सेंटर पर ऑफलाइन कक्षाओं में प्रवेश के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया गया था। संस्थान के अध्यक्ष देव अमित सिंह ने बताया कि निशुल्क कोचिंग के करीब 13 हजार स्टूडेंट्स ने रजिस्ट्रेशन करवाया है।
खाली नहीं किया तो करेंगे कार्रवाई
एपीटीसी सेंटर के निदेशक रामसिंह चौहान ने कहा कि संस्था द्वारा निशुल्क ऑनलाइन क्लासेज शुरू करने के लिए सिर्फ एक कमरा मांगा गया था, लेकिन धीरे-धीरे पूरे सेंटर पर ही कब्जा कर लिया। इसकी वजह से यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्रों को परेशानी हो रही थी। नए सत्र से सेंटर में राजस्थान ज्यूडिशल सर्विस की क्लासेस शुरू होने वाली है। ऐसे में देव अमित को पत्र लिख यूनिवर्सिटी के छात्रों को ही ऑनलाइन क्लासेज में शामिल करने के लिए कहा गया है। जल्द से जल्द सेंटर खाली नहीं किया तो सख्त कार्रवाई करेंगे।
इनका कहना है…
एक पहल संस्था के अध्यक्ष देव अमित ने कहा कि हजारों स्टूडेंट्स के लिए आईएएस आरएएस निशुल्क कोचिंग संस्थान ने शुरू की थी। अब विवि प्रशासन ने सेंटर खाली करवाने का आदेश जारी कर दिया। ऐसे में अब सैकड़ों बच्चे पढ़ाई से वंचित रह जाएंगे। एनएसयूआई के इकाई अध्यक्ष अक्षय सिंह का कहना है कि निशुल्क कोचिंग के वल संघटक कॉलेज के छात्रों को लिए ही होनी चाहिए। बाहरी बच्चों के प्रवेश पर रोक लगनी चाहिए।
वहीं, एबीवीपी के इकाई अध्यक्ष भारत भूषण ने कहा कि सरकार ने के वल चुनावी घोषणा की है। राजनीतिक मंशा के कारण विश्वविद्यालय का दुरुपयोग किया जा रहा है। विश्वविद्यालय के नियमित स्टूडेंट्स की व्यवस्था विश्वविद्यालय में करके अन्य की व्यवस्था सरकार अपने स्तर पर करे।
ये खबर भी पढ़ें:-निजी संबंधों पर ग्लोबल वॉर्मिंग का असर, भारत में गर्मी से बढ़ रही घरेलू हिंसा, नेपाल-पाक में भी यही हाल