Congress President Election Result : कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के नतीजे आ गए हैं। जैसे कि पहले से ही अटकलें लगाई जा रहीं थी। मल्लिकार्जुन खड़गे ही कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव जीता। खड़गे को 7897 वोट मिले जबकि शशि थरूर को 1072 वोट मिले। वैसे खड़गे इस चुनाव को जीतेंगे इस पर कोई आश्चर्य नहीं है क्योंकि वे गांधी परिवार की पसंद हैं, अशोक गहलोत की तरह ही गांधी परिवार से खड़गे के बेहद करीबी रिश्ते हैं। उनके पास लंबा राजनीतिक अनुभव है। लेकिन अगर शशि थरूर की बात करें तो इस चुनाव में उन्होंने जरूर सभी को आश्चर्य में डाल दिया है। वो ऐसे, कि कई राजनीतिक विश्लेषकों में थरूर को बमुश्किल 500 वोट मिलने की संभावनाएं जताई थी, लेकिन थरूर ने इन संभावनाओं को पार कर इन विश्लेषणों को धराशाई कर दिया और 1000 के पार मतदान हासिल कर उन्होंने अपनी कही हुई इस बात को सच कर दिया कि “वोटिंग के दौरान पता चलेगा कि मेरे पास कितना समर्थन है”।
खड़गे ने अपने एक बयान में कहा था कि वे इसलिए चुनाव लड़ रहे हैं क्योंकि गांधी परिवार से कोई खड़ा नहीं हो रहा जिस पर उनके शुभचिंतकों ने उन्हें चुनाव लड़ने का सुझाव दिया। दूसरी तरफ खड़गे ये भी कई बार कह चुके हैं कि वे गांधी परिवार या कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार नहीं हैं। बहरहाल खड़गे या कांग्रेस कुछ भी दावा करे लेकिन इस तथ्य से मुंह नहीं फेरा जा सकता कि लगभग 24 साल बाद हुए कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में गैर गांधी परिवार का अध्यक्ष गांधी परिवार का बेहद करीबी ही बना है। इस तथ्य के अलावा हम एक और वक्तव्य पर ध्यान देना होगा कि जब तब मल्लिकार्जुन ये कहते हुए पाए गए है, कि अगर वे अध्यक्ष बनेंगे तो गांधी परिवार के मार्गदर्शन में ही कांग्रेस को आगे बढ़ाएंगे।
खड़गे की जीत पर उनके कई समर्थकों ने भी कहा है कि अब 2024 का चुनाव मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व और राहुल गांधी के मार्गदर्शन में लड़ेंगे और जीत दर्ज करेंगे। इसका मतलब तो साफ है कि गांधी परिवार की कांग्रेस पार्टी पर पकड़ कभी नहीं छूटेगी इसीलिए उन्होंने खड़गे पर भरोसा जताया है। जो लोग ये सोच रहे थे कि अध्यक्ष बदलने या गैर गांधी परिवार से अध्यक्ष बनने से पार्टी में गजब का बदलाव होगा तो ऐसा कुछ भी होता नजर नहीं आएगा अगर इन वक्तव्यों और तथ्यों को आधार मानकर चलें तो। कुल मिलाकर पार्टी वैसे ही चलेगी जैसे पहले चल रही थी। फर्क सिर्फ इतना होगा कि अब जो फैसले लिए जायेंगे और जो उनका नतीजा होगा चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक वो अध्यक्ष के माथे पर हो आएगा, गांधी परिवार इससे दूर ही रहेगा। बहरहाल अब देखना यह है कि क्या खड़गे के नेतृत्व में कांग्रेस कुछ बदलाव देखेगी या फिर उसी परिपाटी पर आगे बढ़ेगी।