Chandrayaan-3 : नई दिल्ली। चांद पर गहरी नींद में सोए चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान और लैंडर विक्रम के जगने की उम्मीद अभी बाकी है। हालांकि, इसरो को अब तक विक्रम और प्रज्ञान से कोई सिग्नल नहीं मिले हैं। लेकिन, इसरो को उम्मीद है कि दोनों दूसरी पारी के लिए जगेंगे और प्रज्ञान फिर से चांद की सतह पर चहल-कदमी करेगा। हालांकि, इस मिशन का उद्देश्य इसरो ने पहले ही हासिल कर लिया है। लेकिन, अगर लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान फिर से एक्टिव होते हैं तो इसके कई फायदे होंगे। सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि चांद पर फिर से स्टडी शुरू की जाएगी।
दरअलस, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने गुरुवार को संकेत दिए है कि चंद्रयान-3 का रोवर ‘प्रज्ञान’ फिर से एक्टिव हो सकता है। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 का रोवर ‘प्रज्ञान’ चंद्रमा की सतह पर स्लीप मोड में है, लेकिन इसके फिर से एक्टिव होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
पहले ही मिशन हो चुका है कामयाब
सोमनाथ ने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी इस बात से भली-भांति अवगत है कि रोवर और लैंडर ‘विक्रम’ चंद्रमा की सतह पर सुप्तावस्था या निष्क्रय अवस्था में चले गए हैं। ‘चंद्रयान-3’ मिशन का उद्देश्य ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ था और इसके बाद अगले 14 दिन तक प्रयोग किए गए और सभी जरूरी आंकड़े एकत्र कर लिए गए हैं।
इसे अच्छे से सोने दो….जब उठेंगे तो तो उठ जाएंगे…
सोमनाथ ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अब यह वहां शांति से सो रहा है… इसे अच्छे से सोने दो..हम इसे परेशान न करें…जब यह अपने आप उठना चाहेगा, तो उठेगा… मैं अभी इसके बारे में यही कहना चाहता हूं। यह पूछे जाने पर कि क्या इसरो को अब भी उम्मीद है कि रोवर फिर से सक्रिय हो जाएगा, उन्होंने कहा कि उम्मीद रखने का कारण है। सोमनाथ ने अपनी ‘उम्मीद’ के कारण बताते हुए कहा कि इस मिशन में एक लैंडर और एक रोवर शामिल थे। उन्होंने बताया कि चूंकि लैंडर एक विशाल संरचना है, इसलिए इसका पूरी तरह से परीक्षण नहीं किया जा सका।
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