PM Modi Telangana Tour : हैदराबाद। दक्षिण भारत में अपने पैर मजबूती से जमाने के लिए जमीनी स्तर पर जूझ रही भाजपा के लिए तेलंगाना के अगामी विधानसभा चुनाव बहुत ही अहम हैं। भाजपा अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले दक्षिण भारत में अपने प्रभाव क्षेत्र का विस्तार करने में जुटी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तेलंगाना के दाैरे पर आ रहे हैं। उनके इस दौरे से भाजपा के चुनाव अभियान को गति मिलने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री मोदी आज तेलंगाना के महबूबनगर में आएंगे और यहां 13,500 करोड़ रुपए से अधिक की कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और लोकार्पण करेंगे। इसके अलावा वे जनसभा को संबोधित भी करेंगे। महबूबनगर चुनावी दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। तेलंगाना के सीएम के.चंद्रशेखर यहां से एक बार सांसद रह चुके हैं।
ओबीसी मतदाताओं पर टिकी भाजपा की नजर
ज्ञात रहे कि इस साल के शुरू में भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक महबूब नगर में हुई थी। जहां उसने अपनी चुनाव रणनीति पर भी चर्चा की थी। भाजपा की नजर राज्य के ओबीसी मतदाताओं पर टिकी है। भाजपा के ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लक्षमण तेलंगाना से हैं। तेलंगाना में राज्य के गठन के बाद से ही भारतीय राष्ट्र समिति(पूर्व में टीआरएस) सत्ता में है।
कभी कांग्रेस और टीडीपी का गढ़ माना जाता था अविभाजित आंध्र
अविभाजित आंध्र प्रदेश कभी कांग्रेस और टीडीपी का गढ़ माना जाता था। बीआरएस व असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम राज्य में सहयोगी दल हैं। दूसरी ओर कांग्रेस और भाजपा मुख्य विपक्षी पार्टियां हैं। भाजपा ने भी धीरे-धीरे राज्य में अपनी मजबूत पकड़ बनानी शुरू कर दी है। िपछले लोकसभा चुनाव में भाजपा चार सीटें जीतकर भी आई थी।
ये हैं सामाजिक समीरकण
तेलंगाना में जातीय गणित के हिसाब से अन्य पिछड़ा वर्ग काफी प्रभावी है। यहां 54 प्रतिशत मतदाता अन्य पिछड़ा वर्ग के होने का अनुमान है। यहां रेड्डी, वेलमा और मुन्नरु कापू राजनीतिक रूप से प्रभावशाली जातियां हैं। इनमें रेड्डी सबसे ज्यादा प्रभावशाली राजनीतिक समुदाय माना जाता है।
राज्य में मुस्लिम समुदाय के करीब 12 प्रतिशत मत माने जाते हैं और 119 सदस्यीय राज्य विधानसभा की 10 सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिम मत निर्णायक माने जाते हैं। इसके अलावा अन्य कई सीटों को भी वे प्रभािवत करते हैं।
वर्तमान में राज्य विधानसभा में एआईएमआईएम के 7 विधायक हैं। हैदराबाद की राजनीति में एआईएमआईएम काफी असर रखती है। राज्य में अनुसूचित जाति के लिए 19 और अनुसूचित जनजाति के लिए 12 सीटें आरक्षित हैं।
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