नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना 4 से 14 सितंबर तक चीन-पाक सीमा पर ‘त्रिशूल’ युद्धाभ्यास करेगी। यह युद्धाभ्यास ऐसे वक्त पर होगा, जब भारत में जी-20 समिट के दौरान दुनियाभर के तमाम बड़े नेता दिल्ली में होगे। खास बात ये है कि यह युद्धाभ्यास उत्तरी क्षेत्र में चीन और पाकिस्तान से लगी सीमाओं पर होगा। ‘त्रिशूल’ में राफेस, मिराज, सुखोई समेत तमाम लड़ाकू विमान शामिल होंगे। इसके अलावा युद्धाभ्यास में चिनूक और अपाचे समेत कई हेलिकॉप्टर भी आसमान में दमखम दिखाएंगे। वायुसेना के इस शक्ति प्रदर्शन में गरुड़ विशेष बल भी हिस्सा लेगा। ‘त्रिशूल’युद्धाभ्यास 4 सितंबर से 14 सितंबर तक लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, राजस्थान, उत्तराखंड और पंजाब में होगा।
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युद्धाभ्यास में लड़ाकू विमान होंगे शामिल
‘त्रिशूल’ युद्धाभ्यास में राफेल, एसयू-30 एमके आई, जगुआर, मिराज2000, मिग-29 और मिग-21 बाइसन जैसे लड़ाकू विमान अभ्यास का हिस्सा होंगे। अभ्यास के लिए लड़ाकू हेलिकॉप्टर, बीच हवा में ईंधन भरने वाले विमान, हवाई चेतावनी एवं नियंत्रण प्रणाली (एडब्ल्यूएसीएस) विमान और परिवहन बेड़े को भी इस युद्धाभ्यास में शामिल किया जाएगा।
तीन साल के बाद होगा युद्धाभ्यास
‘त्रिशूल’ नामक यह अभ्यास भारत और चीन की सेनाओंबीच तीन साल से अधिक समय से जारी गतिरोध और पाकिस्तान से संबंधों के लगातार प्रतिकूल रहने के बीच हो रहा है। इस अभ्यास का
उद्देश्य बल की लड़ाकू क्षमताओं का परीक्षण करना है। यह हाल के दिनों में वायुसेना द्वारा किए गए सबसे बड़े हवाई अभ्यासों में से एक होगा। वायुसेना की पश्चिमी कमान के सभी प्रमुख मंचों के साथ-साथ अन्य कमान से संबंधित संसाधन भी अभ्यास के लिए तैनात किए जाएं गे
G-20 समिट के बीच वायु सेना अलर्ट
भारतीय वायु सेना ने भी 9 और 10 सितंबर को होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए अपने हथियारों और उपकरणों को हाई अलर्ट पर रखा है। इस समिट में तमाम वैश्विक नेता शामिल होंगे। भारतीय वायु सेना ने भी किसी भी संभावित हवाई खतरे से निपटने के लिए आकाश डिफेंस मिसाइल समेत अपनी सतह से हवा में मार करने वाली डिफेंस प्रणालियों को सक्रिय एक्टिव करना शुरू कर दिया है। सुरक्षा एजेंसियों ने अपने काउंटर-ड्रोन सिस्टम को भी सक्रिय कर दिया है, जहां वे किसी भी छोटे ड्रोन को जाम कर सकते हैं या जरूरत पड़ने पर उन्हें मार गिरा सकते हैं।
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जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था
दिल्ली पुलिस ने जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए पूरी तैयारी कर ली है और उसने हवाई अड्डे और आयोजन स्थलों पर व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की है। दिल्ली पुलिस ने आतंकवाद रोधी उपायों पर ध्यान केंद्रित करते हुए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की है। विशेष पुलिस आयुक्त (सुरक्षा) मधुप कु मार तिवारी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) इन बंदोबस्त में दिल्ली पुलिस की सहायता कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षा के विभिन्न आयामों में हवाई अड्डे की सुरक्षा, कार्यक्रम स्थल पर पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था, आतंकवाद रोधी उपाय आदि शामिल हैं। हमने इन उपायों पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक व्यापक सुरक्षा योजना तैयार की है।