जयपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार सुबह जलजीवन मिशन योजना से जुड़े ठेकेदारों और अधिकारियों के 17 ठिकानों पर छापेमारी शुरू की है। इस योजना में भारी भ्रष्टाचार की शिकायतों और एसीबी की कार्रवाई के बाद तीन राज्यों दिल्ली, गुजरात और राजस्थान की ईडी की संयुक्त टीमों ने शुक्रवार को इस कार्रवाई को अंजाम दिया। इस योजना में भ्रष्टाचार को लेकर जुलाई में राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने भी एक शिकायत ईडी को दी थी, इसके बाद से ही इस मामले पर ईडी की नजर थी। ईडी की कार्रवाई 17 में से नौ ठिकानों पर समाप्त हो गई है, जिसमें अधिकारियों ने अब तक करीब 2.50 करोड़ रुपए नकद, विदेशी मार्का का एक किलो सोना और करोड़ों रुपए के प्रॉपर्टी में निवेश के दस्तावेज जब्त किए हैं।
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यहां की गई कार्रवाई
ईडी ने शुक्रवार को श्री श्याम ट्यूबवेल कम्पनी के संचालक ठेकेदार पदम चन्द जैन, संजय बड़ाया, बड़ाया के रिश्तेदारों, सेवानिवृत्त आरएएस अधिकारी अमिताभ कौशिक, बहरोड़ के पीएचईडी एक्सईएन मायालाल सैनी, प्रॉपर्टी कारोबारी कल्याण सिंह कविया व इनके सहयोगियों के ठिकानों पर छापे मारे। कार्रवाई में दोपहर को संजय बड़ाया के यहां भारी मात्रा में नकदी बरामद होने की जानकारी आ रही थी।
किरोड़ी ने की थी ईडी में शिकायत
राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने भी जेजेएम योजना में घोटाले को लेकर ईडी में शिकायत दर्जकराई थी। उन्होंने पाइप लाइन आपूर्तिके टेंडर्स आवंटन में गंभीर अनियमितताओंके आरोप लगाए थे। उनके अनुसार राज्य में जेजेएम योजना में 20,000 करोड़ का घोटाला हुआ। मीणा ने श्री श्याम ट्यूबवेल कम्पनी, श्री गणपति ट्यूबवेल कम्पनी, ठेकेदार पदम चन्द जैन आदि पर नियम विरुद्ध 900 करोड़ के टेंडर लेने के आरोप भी लगाए।
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एसीबी ने दबोचा था घूस लेते
जेजेएम योजना में घोटाले को लेकर एसीबी ने भी कार्रवाई की थी। गत 6 अगस्त को एसीबी ने जलजीवन मिशन से जुड़ेदो अधिकारियों, बहरोड़ के एक्सईएन मायालाल सैनी, नीमराना के जेईएन प्रदीप, ठेकेदार पदम चन्द जैन, उसकी कम्पनी के सुपरवाइजर मलकेत सिंह और एक अन्य को जयपुर के होटल पोलोविक्ट्री में रिश्वत राशि रंगे हाथ लेते हुए गिरफ्तार किया था।