2000 Notes Ban: 2000 रुपए की नोटबंदी को लेकर चारों तरफ चर्चा का माहौल है। इस नोटबंदी को भाजपा नोटबदली बता रही है तो कांग्रेस इसे केंद्र की एक और गलती बता रही है। इन सबके बीच हर किसी के जेहन में बस एक ही सवाल है, आखिर क्यों ये नोट बंद कराए जा रहे हैं और इस नोटबंदी के उन्हें क्या फायदा होगा और क्या नुकसान होगा। इसका जवाब कई अर्थ विशेषज्ञों ने दिया है।
बड़ी रकम में डिजिटल होता है लेनदेन इसलिए जरूरत नहीं
विशेषज्ञों का कहना है कि इस नोट का सर्कुलेशन ज्यादा ना होने के चलते इन्हें बंद किया जा रहा है। क्यों कि अब डिजिटल लेन-देन ज्यादा बढ़ गया है, लोग बड़ी रकम के ट्रांजैक्शन भी डिजिटल या इंटरनेट बैंकिग से कर रहे हैं, इसलिए इनका चलन भी कम हुआ है। ऐसे में सरकार और RBI ने इनका चलन बंद ही करने का फैसला कर लिया है। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि जो नोट बदले जाएंगे उनके बदले में छोटी राशि के नोट दिए जाएंगे। क्योंकि इतनी बड़ी राशि के नोटों की जरूरत ही नहीं है।
अर्थव्यवस्था पर नहीं पड़ेगा कोई असर
इस नोटबंदी से क्या फायदे होंगे और क्या नुकसान होंगे, इस पर जानकारों का कहना है कि जिन लोगों ने रिश्वत की कमाई में इन 2 हजार के नोटों का इस्तेमाल किया है उन पर बड़ी गाज गिरेगी। क्योंकि बड़ी रकम में 2000 के नोट बड़ी संख्या में खपाए जाते हैं। इसलिए सबसे बड़ा नुकसान तो इन रिश्वतखोरों का होगा। वहीं फायदे की बात की जाए तो जानकारों का कहना है कि जैसा कहा जा रहा कि इससे अर्थव्यवस्था पर काफी फर्क पड़ेगा, तो ऐसा नहीं है, इससे इकोनॉमी पर किसी तरह का असर नहीं पड़ेगा। क्योंकि बड़ी राशि के नोट वैसे भी चलने से धीरे-धीरे गायब हो रहे हैं और इस बीच में ऐसा कुछ खास असर अर्थव्यवस्था पर देखने को नहीं मिला। इस आधार पर कहा जा सकता है कि इन नोट के बंद होने पर भी अर्थव्यवस्था की गाड़ी अपनी पटरी पर सीधे दौड़ती रहेगी।
साल 2018 से नोट की प्रिंटिंग हुई बंद…
आरबीआई ने 2019 से 2,000 रुपए के नोटों की छपाई बंद कर दी है। 2,000 रुपए के नोट को आरबीआई एक्ट 1934 के सेक्शन 24 (1) के तहत लाया गया था। पुराने 500 और 1000 रुपए को नोटों के बंद होने के बाद करेंसी रिक्वायरमेंट के चलते इन नोटो को लाया गया था। 2,000 रुपए को लाने का उद्देश्य दूसरे नोट पर्याप्त मात्रा में बाजार में आने के बाद खत्म हो गया था। इसलिए 2,000 रुपए के बैंकनोट्स की प्रिंटिंग 2018-19 में बंद कर दी गई थीं।