मुंबई। मुंबई पुलिस ने पुलिस अधिकारी बन देशभर के लोगों से ठगी करने वाले साइबर अपराधियों के एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुंबई पुलिस ने इस गिरोह के सरगना श्रीनिवास राव डाडी (49) को भी गिरफ्तार कर लिया है, जो 12वीं पास है। वह अपने खाते से रोजाना पांच करोड़ रुपए से अधिक रकम का लेन-देन करता था।
अधिकारी के मुताबिक, श्रीनिवास 12वीं कक्षा तक ही पढ़ा होने के बावजूद तकनीक का गहरा ज्ञान रखता है। उन्होंने बताया कि बांगुर नगर पुलिस की एक टीम ने श्रीनिवास को हैदराबाद के एक आलीशान होटल से हिरासत में लिया। अधिकारी के अनुसार श्रीनिवास के साथ पुलिस ने उसके गिरोह के चार और सदस्यों को गिरफ्तार किया, जिनमें से दो पड़ोसी शहर ठाणे और दो अन्य कोलकाता के रहने वाले हैं।
नकद मिले डेढ़ करोड़ रुपए
श्रीनिवास रियल एस्टे कारोबार चलाने की आड़ में काम करता था और सिर्फ टेलीग्राम ऐप के जरिए संवाद करता था। पुलिस ने अभी तक श्रीनिवास के 40 बैंक खाते फ्रीज किए हैं और उसके पास से डेढ़ करोड़ रुपए नकद बरामद किए हैं। साइबर अपराधियों के कामकाज के तौर तरीकों के बारे में अधिकारी ने कहा कि श्रीनिवास और उसके साथी पुलिसकर्मी बनकर लोगों, अधिकतर महिलाओं को कॉल करते थे और उनसे कहते थे कि अधिकारियों को उनके नाम से भेजे गए कू रियर में हथियार या मादक पदार्थमिले हैं। इसके बाद वे लोगों से यह कहते हुए उनके बैंक खाते या आयकर संबंधी विवरण मांगते थे कि ये डेटा इस बात की पुष्टि करने के लिए जरूरी है कि कूरियर उनके द्वारा नहीं भेजा गया है।
देशभर में हजारों लोगों से ठगी
पुलिस उपायुक्त (जोन-11) अजय कु मार बंसल ने कहा कि ज्यादातर लोग फोन कॉल से डर जाते थे और अपने बैंक खाते या आयकर से संबंधित विवरण साझा कर देते थे। उन्होंने बताया कि पीड़ित वनटाइम पासवर्ड (ओटीपी) भी साझा कर देते थे। कुछ मामलों में तो एनीडेस्क जैसे ऐप डाउनलोड करके जालसाजों को अपने फोन तक पहुंच भी प्रदान कर देते थे। अहम जानकारियां जुटाने के बाद जालसाज पीड़ित के बैंक खाते से जमा रकम उड़ा लेते थे। श्रीनिवास और उसके गिरोह ने इस हथकंडे का इस्तेमाल कर हजारों लोगों से ठगी की। गिरोह द्वारा उड़ाई गई सारी रकम श्रीनिवास के खाते में जाती थी। श्रीनिवास के खाते से रोजाना पांच से दस करोड़ का लेन-देन होता था। बंसल के मुताबिक श्रीनिवास ठगी की रकम को क्रिप्टो मुद्रा में तब्दील कर एक चीनी नागरिक के पास स्थानांतरित कर देता था।