Controversial words of MP Ramesh Bidhuri: विशेष सत्र के दौरान संसद में में बसपा के सांसद दानिश अली के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी को लेकर लगातार बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी मुश्किल में आ रहे हैं। जहां विपक्ष लगातार उनके निलंबन की मांग कर रहा है तो दूसरी तरफ बीजेपी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी कर दिया है।
विवादित बोल को लेकर रहते है चर्चा
इधर, बिधूड़ी के असंसदीय व्यवहार पर लोकसभा अध्यक्ष ने भी कड़ी नाराजगी जताई है, लेकिन यह कोई पहली बार नहीं है जब सांसद रमेश बिधूड़ी ने अपने विवादित बोल को लेकर चर्चा में आए है। इससे पहले भी रमेश बिधूड़ी से जुड़े कई विवाद रहे है। चाहे कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी पर उनके इटालियन मूल को लेकर टिप्पणी हो या मुसलमानों पर, 2015 में संसद में भी चार महिला सांसदों ने उन पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था।
राघव चड्ढा को हराकर संसद पहुंचे
रमेश बिधूड़ी ने 2003 के विधानसभा चुनाव जीत हासिल की, बिधूड़ी को 2003 से 2008 तक वह बीजेपी दिल्ली प्रदेश उपाध्यक्ष रहे के बाद दिल्ली प्रदेश महासचिव की जिम्मेदारी संभाली थी। 2014 तक लगातार विधायक रहने के बाद उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा और दक्षिणी दिल्ली की प्रतिष्ठित सीट से लोकसभा पहुंचे। 2019 में बीजेपी ने एक बार फिर बिधूड़ी पर भरोसा जताया और वह आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार राघव चड्ढा को हराकर लगातार दूसरी बार लोकसभा चुनाव जीतने में सफल रहे।
इन विवादों में पहले भी फंसे सांसद बिधूड़ी
- पिछले साल सितंबर में जब एक बच्चे के माता-पिता एक स्कूल की शिकायत लेकर बिधूड़ी के पास पहुंचे तो बिधूड़ी ने कहा था- ‘बच्चे क्यों पैदा किए?’ ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
- बिधूड़ी ने इससे पहले भी मुसलमानों को लेकर एक विवादित बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि – ‘जहां मुसलमान अल्पसंख्यक होते हैं, वहां मानवाधिकार की बात होती है और जहां वे बहुमत में आते हैं, वहां खून-खराबा शुरू हो जाता है।’
- 2015 में चार महिला सांसदों ने मिलकर स्पीकर से रमेश बिधूड़ी की शिकायत की थी और उन पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था। बीबीसी की एक रिपोर्ट की माने तो इन सांसदों में सुष्मिता देव, रंजीत रंजन, अर्पिता घोष और पीके श्रीमती टीचर शामिल हैं। बाद में बिधूड़ी ने इन आरोपों से इनकार किया था और यहां तक कहा था कि आरोप लगाने वाली सांसद महिला होने का गलत फायदा उठा रही हैं।
- 2017 में रमेश बिधूड़ी ने सोनिया गांधी के इटालियन मूल के होने का मुद्दा उठाया था. इसी बीच मथुरा में एक सार्वजनिक सभा के दौरान उन्होंने यहां तक कह दिया था कि ‘इटली की परंपराएं ऐसी हैं कि वहां शादी के पांच-सात महीने बाद पोते-पोतियां आ जाती हैं। ये भारतीय संस्कृति में मूल्य नहीं हैं।’ बाद में उन्हें अपने बयान पर सफाई देनी पड़ी और कहा कि उन्होंने यह बात कांग्रेस के उन आरोपों पर कही थी, जिसमें कांग्रेस ने कहा था कि बीजेपी ने अपने कार्यकाल के दौरान अपने वादे पूरे नहीं किए।