दुनियाभर में हर साल 14 जून को World Blood Donor Day मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य हर उस इंसान को शुक्रिया कहना है जो लोगों को बचाने के लिए रक्त दान करता है। World Blood Donor Day मनाने की शुरुआत साल 2004 में WHO ने की थी। साथ ही इस दिन लोगों को जागरुक करने की भी कोशिश की जाती है कि, वो भी रक्त दान करें। चलिए आज इस दिन को मनाने का महत्व जानते हैं।
किसने कि थी ब्लड ग्रुप की खोज
वैज्ञानिक कार्ल लैंडस्टीनर ने ब्लड ग्रुप सिस्टम की खोज की थी. उनके इस योगदान के लिए 1930 में कार्ल लैंडस्टीनर को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया था। 114 जून को World Blood Donor Day मनाने का उद्देश्य ये भी है कि वैज्ञानिक कार्ल लैंडस्टीनर का 14 जून को जन्मदिन भी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की माने तो हर साल करीब 118.54 मिलियन लोग रक्तदान करते हैं।
क्या है इस साल की थीम
WHO के मुताबिक साल 2023 की थीम ‘रक्त दो, प्लाज्मा दो, जीवन साझा करो, अक्सर साझा करो’। आपको बता दें कि WHO हर साल नई थीम के साथ सामने आता है।
कौन कर सकता है ब्लड डोनेट
ब्लड हो या प्लाज्मा कुछ भी डोनेट करने के लिए आपकी हेल्थ का ठीक होना काफी जरूरी है। इसके अलावा आपके शरीर में खून की कमी नहीं होनी चाहिए। आपको बता दें कि, ब्लड डोनेट करने के लिए आपकी उम्र 18 वर्ष होनी चाहिए। वहीं आप 60 साल के बाद ब्लड तभी डोनेट कर सकते हो जब आपका स्वास्थय सही हो। क्तदान करने के लिए शरीर का वजन कम से कम 50 किलोग्राम होना चाहिए। कोई गंभीर बीमारी या ब्लड डिसऑर्डर नहीं होना चाहिए।
कौन सा ब्लड ग्रुप किसे दे सकता है ब्लड
आपको बता दें कि, दुनिया में 8 तरह के ब्लड ग्रुप पाए जाते हैं। लेकिन O+ वालों का आंकड़ा सबसे ज्यादा है। चिलिए जानते हैं कि, किस ब्लड ग्रुप का कितना प्रतिशत है दुनिया में।
O+ (32.53%)
O- (2.03%)
A+ (21.8%)
A- (1.36%)
B+ (32.09%)
B- (2.01%)
AB+ (7.7%)
AB- (0.48%)