‘अगर आप पूरी नींद नहीं ले रहे हैं और सोते समय इसमें बेहतर क्वालिटी और क्वांटिटी नहीं है तो यह कई तरह की बीमारियों को जन्म दे सकती हैं। नींद में बारबार खलल मेमोरी लॉस से लेकर न्यूरोलॉजी से जुड़ी समस्याएं पैदा कर देता है। अगर समय पर और पूरी नींद नहीं ली जाए तो यह समस्या कैंसर की जनक हो सकती है और कम सोने वाला व्यक्ति हार्ट, बीपी और डायबिटिज की समस्याओं के घेरे में फंस जाता है।’ यह बात रविवार को टोंक रोड पर राजस्थान स्लीप सिंपोजियम में जुटे देश-विदेश से आए निद्रा रोग विशेषज्ञों ने कही। साउथ ईस्ट एशियन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन और स्लीप एजुकेशन एण्ड रिसर्च सोसाइटी की ओर से निद्रा रोग विशेषज्ञों ने कही।
खर्राटे लेना बीमारी का संकेत
सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ.रजनीश शर्मा ने बताया कि आमतौर पर माना जाता है कि खर्राटे लेना अच्छी नींद की निशानी है, जबकि यह अच्छी नींद नहीं, बल्कि बीमारियों का संके त है। खर्राटे लेते समय सांस रुक जाती है, यह श्वांस से जुड़ी समस्याएं पैदा कर देती है। वहीं, दिन भर आलस या थकान,तनाव, ज्यादा नींद आना, सिर दर्द खर्राटे के लक्षण हैं।
नींद न आने के कारणों पर चर्चा डॉ.शर्मा ने बताया कि जयपुर में पहली बार जुटे देश विदेश के चिकित्सकों ने नींद नहीं आने की बीमारी पर चर्चा की। साथ ही नई तकनीक से कै से बीमारी तक पहुंचा जाए और अनिद्रा का कारण जाना जाए इस पर चर्चा की गई। इसमें विशेषज्ञों ने बताया कि जांच, लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव,साइनस या थायरॉइड की समस्या हो, तो डॉक्टर से सलाह लें।
सोते समय यह समस्या तो तुरंत लें डॉक्टर की सलाह
खर्राटे आना, बार-बार नींद का टूटना, लंबे समय तक लगातार नींद नहीं आना, रात में बैचेनी रहना, बच्चों का दांत को किटकिटाना, रात में नींद में चलना या कुछ बोलना जैसी समस्या हो तो चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। यह सभी गंभीर बीमारियों के लक्षण है।
सिंपोजियम में डॉ. प्रमोद दाधीच ने ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप अप्निया, डाॅ. रजनीश शर्मा ने स्लीप की जांच की नई तकनीक, डाॅ. केवल कृष्ण डंग ने ओबेसिटी हाइपोवेंटिलेशन सिन्ड्रोम, डाॅ. गौरव छाबडा ने निद्रा रोग उपचार में काम आने वाले विभिन्न मास्क के बारे में बताया। डाॅ. शिवानी स्वामी ने निद्रा रोग में नई तकनीक और खोजों पर चर्चा की। डॉ. स्वामी ने कहा कि निद्रा रोगों के बारे में जानकारी का प्रचार प्रसार हो सके।
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