पुलिस कस्टडी में आत्महत्या मामले में डीजीपी का बडा एक्शन,आरपीएस अधिकारी को किया निलंबित

दिव्यांग नाबालिग से रेप के आरोप में पूछताछ के लिए थाने लगाए गए युवक द्वारा देचू थाने में सुसाइड करने के मामले में दूसरे दिन…

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दिव्यांग नाबालिग से रेप के आरोप में पूछताछ के लिए थाने लगाए गए युवक द्वारा देचू थाने में सुसाइड करने के मामले में दूसरे दिन राजस्थान पुलिस मुख्यालय से बडी कार्यवाही सामने आई। इस मामले में राजस्थान पुलिस मुख्यालय ने अब आरपीएस अधिकारी शंकरलाल छाबा को निलंबित कर दिया है। डीजीपी यूआर साहू ने शनिवार को इस संबंध में आदेश जारी किए है। बता दें कि इससे पहले थानाधिकारी व एएसआई सहित 24 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया गया था। राजस्थान के फलोदी जिले के देचू थाना क्षेत्र का यह पूरा मामला है।

आरपीएस अधिकारी को किया निलंबित

पुलिस कस्टडी में युवक की खुदकुशी मामले में राजस्थान पुलिस मुख्यालय ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई की। डीजीपी यूआर साहू ने लोहावट के वृताधिकारी शंकर लाल छाबा को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी किए। निलंबन काल के दौरान उनका पुलिस हैडक्वाटर्स, जयपुर मुख्यालय रहेगा। बता दें कि इससे पहले फलोदी एसपी पूजा अवाना ने शुक्रवार को आदेश कर जारी देचू थानाधिकारी दाउद खां, एएसआई धन्नाराम, हेड कांस्टेबल भागीरथराम और 21 पुलिस कांस्टेबल को लाइन हाजिर किया था। इसके बाद गुस्साए लोग शांत हुए थे और धरना प्रदर्शन समाप्त किया था।

जानिए क्या है पूरा मामला

फलोदी जिले के देचू थाने में बलात्कार के मामले में पूछताछ के लिए लाए जाने के बाद एक युवक की संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। इस पर परिजन ने आरोप लगाया था कि शराब के नशे में पुलिस ने मारपीट की, जिससे उसकी मौत हुई। वहीं, पुलिस ने दावा किया था कि वायरलैस सैट कक्ष में खिड़की पर गमछे से लटककर युवक ने आत्महत्या की।
इससे गुस्साए लोग शुक्रवार सुबह थाने के बाहर धरना देकर बैठ गए थे।हिरासत में युवक की मौत का पता लगते ही कस्बे की दुकानें व प्रतिष्ठान बंद हो गए थे। थाने के सामने से गुजर रहे नेशनल हाईवे पर लोगों ने प्रदर्शन कर टायर भी जलाए थे। हालांकि, 24 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर करने के बाद मामला शांत हुआ था। फिलहाल मामले में अभी भी जांच जारी है।

पुलिस पर इसलिए उठ रहे सवाल

इस घटना के बाद से पुलिस पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। पुलिस आरोपी युवक को पूछताछ के लिए थाने लेकर आई थी, लेकिन 1 दिन बाद भी उसकी गिरफ्तारी नहीं दिखाई। इसको लेकर समाज के लोगों का भी रोष सामने आया था। सभी ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने, आश्रित परिवार को नौकरी देने और मामले की निष्पक्ष जांच को लेकर धरना देना शुरू कर दिया था। ये धरना शुक्रवार देर रात खत्म हुआ था।