टाटा इन्वेस्टमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड के शेयरों में पिछले कुछ दिनों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। यह शेयर अपने निवेशकों को कंगाल बना रहा है, पिछले एक सप्ताह के यह शेयर अपने निवेशकों को प्रति शेयर लगभग 2000 रुपए का नुकसान करा चुका है। कारोबारी सप्ताह के तीसरे दिन यानी बुधवार को भी इसमें 5 फीसदी का लोअर सर्किट लगा है और यह 6473 रुपए पर आ गया है। आज लगातार छठे सत्र में लोअर सर्किट लगा है।
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शेयर प्राइस हिस्ट्री
इस अवधि में यह शेयर 20 फीसदी तक गिर चुका है। हालांकि इस गिरावट के बावजूद पिछले एक महीने में यह शेयर 10% से अधिक चढ़ चुका है। पिछले 6 महीने में यह अपने निवेशकों की रकम को ढ़ाई गुना कर चुका है। इस दौरान इसमें 136 फीसदी से अधिक की उछाल हो चुकी है।
अगर इस साल की बात करें तो टाटा इन्वेस्ट ने अपने इन्वेस्टर्स को करीब 52 फीसदी का रिटर्न दिया है। पिछले पांच साल में यह शेयर 835.70 रुपए से इस मुकाम तक पहुंचा है। इसका 52 वीक का हाई 9756.85 रुपए और 52 वीक का सबसे लो लेवल 1730 रुपए है।
जानिए क्या काम करती है कंपनी?
आरबीआई के नियम के मुताबिक टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस को सितंबर 2025 तक लिस्ट होना अनिवार्य है, क्योंकि इसे ऊपरी स्तर की एनबीएफसी के रूप में वर्गीकृत किया गया है। पहले इसे इन्वेस्ट कार्पोरेशन ऑफ इंडिया के नाम से जाना जाता है।
बता दें कि यह एक नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी है, जो मुख्य रूप से इक्विटी शेयर और इक्विटी-संबंधित सिक्युरिटिज जैसे लॉन्ग टर्म निवेश में शामिल है। कंपनी फरवरी 2008 में टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड की सहायक कंपनी बन गई है। टाटा समूह की अन्य कंपनियों के साथ टाटा संस के पास टाटा इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन की चुकता पूंजी का लगभग 73.38 फीसदी हिस्सा है।